नगर निगम के इंजीनियर देवी सिंह का तबादला, हाईकोर्ट जाने के बाद भी नहीं मिली राहत


उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम में सहायक अभियंता के पद पर तैनात देवी सिंह का तबादला बस्ती नगर पालिका में कर दिया गया है। तबादला आदेश के खिलाफ देवी सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट गये लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। नगर विकास विभाग ने अपने पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए देवी सिंह को नगर पालिका बस्ती में सहायक अभियंता के पद पर ज्वाइन करने का आदेश दिया है। पिछले दिनों देवी सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तबादले के पूर्व के आदेश पर पुर्नविचार करने को कहा था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था देवी सिंह शासन के समक्ष अपना प्रत्यावेद दें और शासन 6 सप्ताह के भीतर तर्कयुक्त और वाकपटु आदेश पारित कर प्रत्यावेदन पर निर्णय लें, लेकिन शासन ने अपने पुराने निर्णय को नहीं बदला और देवी सिंह का तबादला बरकरार रखा।
ज्ञात हो कि गाजियाबाद नगर निगम के सिटी जोन में तैनात सहायक अभियंता देवी सिंह का अगस्त 2022 में बस्ती नगर पालिका में तबादला हो गया था। तबादले के आदेश को चुनौती देते हुए देवी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल की। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि तबादला स्थानांतरण नीति जून 2022 के मुताबिक तर्कसंगत नहीं है। उनकी पत्नी बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है और उनकी सेवानिवृत्ति में भी दो साल से कम समय बचा है। ऐसे में उनके स्थानांतरण पर रोेक लगाई जाये। हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा था कि देवी सिंह इस मामले में शासन के समक्ष अपना प्रत्यावेदन दें और शासन नीति के मुताबिक तार्किक ढंग से फैसला करे। 15 नवंबर 2022 को नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने पत्र जारी कर कहा है कि हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में देवी सिंह का प्रत्यावेदन स्थानांतरण नीति के तहत जनहित में अस्वीकृत किया जाता है और उनके पूर्व के तबादले के आदेश को बरकरार रखा जाता है। पत्र में कहा गया है कि प्रत्यावेदन उत्तर प्रदेश सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2022-23 दिनांक 15.06.2022 के पैरा 4 (6आई) एवं पैरा-15 में निहित व्यवस्थानुसार कार्यहित एवं जनहित में पोषणीय न पाते हुए अस्वीकृत कर एतद्द्वारा निस्तारित किया जाता है।