साहिबाबाद सीट : जितनी बड़ी, उतनी महत्वपूर्ण, दलित-मुस्लिम और प्रवासी मतदाताओं का दबदबा, ब्राह्मण भी पीछे नहीं

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विधान सभा क्षेत्र साहिबाबाद में चुनावी माहौल निरंतर गरमा रहा है। साहिबाबाद सीट पर कुल 11 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। सभी प्रत्याशी अपना-अपना पलड़ा भारी होने का दंभ भर रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण मतदाताओं का दबदबा है। इसके अलावा त्यागी, वैश्य ठाकुर मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में हैं। अब तक यह सीट कभी बसपा तो कभी भाजपा के पाले में रही है। इस बार कौन जीत दर्ज करेगा, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गरम है।

वैसे भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना जाहिर की जा रही है। साहिबाबाद सीट पर पहली बार 2012 में विधान सभा चुनाव कराया गया था। तब बसप उम्मीदवार अमरपाल शर्मा ने जीत दर्ज की थी। अमरपाल ने करीब 25 हजार मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा को मात दी थी। 2017 के विधान सभा चुनाव ने अमरपाल शर्मा को पराजित कर हिसाब-किताब बराबर कर लिया था। मजेदार बात यह है कि तीसरी बार अमरपाल शर्मा और सुनील शर्मा चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। फर्क इतना है कि अमरपाल ने 2012 में बसपा से और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जबकि अबकी बार वह सपा-रालोद गठबंधन के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं।

चुनाव मैदान में कुल 11 उम्मीदवार
साहिबाबाद सीट पर वर्तमान में सुनील कुमार शर्मा भाजपा, अमरपाल शर्मा सपा-रालोद गठबंधन, संगीता त्यागी कांग्रेस, अजीत कुमार पाल बसपा, छवि यादव आम आदमी पार्टी, मनमोहन झा एआईएमआईएम, अनीता ओझा राइट टू रिकॉल पार्टी, सुजीत तिवारी सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी, भूपेंद्रनाथ जन अधिकार पार्टी, विजय कुमार व गीतांजलि निर्दलीय उम्मीदवार हैं। मौजूदा विधायक सुनील शर्मा और पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।

अब तक आए ये स्टार प्रचारक
भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक चुनाव प्रचार करने आ चुके हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी संगीता त्यागी के पक्ष में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जनसंपर्क किया है। इसके अलावा एआईएमआईएम प्रत्याश्र मनमोहन गामा के लिए खुद असदुद्दीन ओवैसी प्रचार-प्रसार कर चुके हैं। बसपा, सपा-रालोद और आम आदमी पार्टी की तरफ से अब तक कोई स्टार प्रचारक साहिबाबाद विधान क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचा है।

जातिगत आंकड़ों की स्थिति
साहिबाबाद विधान सभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 8 लाख से अधिक है। इनमें मुस्लिम मतदाता करीब डेढ़ लाख, दलित 95 हजार, ब्राह्मण 87 हजार, त्यागी 55 हजार, वैश्य 43 हजार, ठाकुर 29 हजार, यादव 14 हजार वोटर हैं। पूर्वांचल और गढ़वाल समाज के भी लगभग एक लाख मतदाता बताए जाते हैं। औद्योगिक दृष्टि से भी साहिबाबाद की अपनी अलग पहचान है। वहां बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी इकाइयां हैं, जिनमें कई लाख श्रमिक कार्यरत हैं।

सुनील शर्मा-अमरपाल शर्मा तीसरी बार आमने-सामने
साहिबाबाद सीट पर मुस्लिम-दलित फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। दलित और मुस्लिम मतदाता तकरीबन 2 लाख 45 हजार हैं। 2012 में बसपा से अमरपाल शर्मा की जीत में दलित-मुस्लिम फैक्टर ने अह्म भूमिका निभाई थी। जबकि 2017 के चुनाव में यह फैक्टर काम नहीं कर पाया था। इसका कारण यह भी माना जाता है कि पिछले विस चुनाव में बसपा के पास कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं था। अलबत्ता दलित एवं मुस्लिम वोट बंट गए थे।