उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार वर्मा को सौंपी गई है। उन्होंने अपना कार्य प्रभार संभाल लिया है। विभागीय बैठक में महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि वे ट्रैकमैन और गैंगमैन के कड़े परिश्रम से प्रेरणा लेते हैं, जोकि मौसम की विषम परिस्थितियों में भी सुचारू रेल परिचालन के लिए दिन-रात कार्य करते हैं।
नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारी अशोक कुमार वर्मा को सौंपी गई है। उन्होंने अपना कार्य प्रभार संभाल लिया है। वह भारतीय रेलवे भंडार सेवा के 1987 बैच के अधिकारी हैं। नए महाप्रबंधक के समक्ष रेलवे की दशा और दिशा सुधारने की चुनौती भी है। इससे पहले वह केंद्रीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन (कोर) प्रयागराज के महाप्रबंधक का दायित्व बखूबी निभा चुके हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर भारतीय रेलवे की सेवा की है। उत्तर रेलवे के नए महाप्रबंधक वर्मा को भंडार से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ सामान्य प्रशासन में भी कार्य का व्यापक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने उत्तर पश्चिम रेलवे में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक, दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलुरु मंडल के मंडल रेल प्रबंधक और उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल में अपर मंडल रेल प्रबंधक के रूप में कार्य के साथ रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक, रेलवे भंडार के रूप में भी काम किया है। विभागीय बैठक में महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि वे ट्रैकमैन और गैंगमैन के कड़े परिश्रम से प्रेरणा लेते हैं, जोकि मौसम की विषम परिस्थितियों में भी सुचारू रेल परिचालन के लिए दिन-रात कार्य करते हैं।
सिविल इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री
रेलवे के सीनियर ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री और आईआईएम, कोलकाता से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड मैटेरियल मैनेजमेंट से पब्लिक प्रोक्योरमेंट (बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में पब्लिक प्रोक्योरमेंट) में डिप्लोमा और नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी से अल्टर्नेट डिस्प्यूट रिज़ोल्यूशन मेकैनिज़्म में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। उन्हें वित्त और सार्वजनिक खरीद में व्यापक अनुभव है।
कर्मचारियों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण
कार्यभार संभालने के बाद नए महाप्रबंधक वर्मा ने सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। सभी मंडल रेल प्रबंधक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। बैठक के दरम्यान उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताईं। उन्होंने कहा कि रेलवे की कार्यप्रणाली में समयपालनबद्धता और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मापदंड हैं। कार्यस्थल पर सुरक्षा और कर्मचारियों की सुरक्षा भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों से जुड़े मामलों को निपटाते समय वरिष्ठ अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को उपलब्ध रहना चाहिए और ऐसे मामलों को एक निर्धारित समयावधि में निपटाया जाना चाहिए।
विकसित भारत के लिए रेलवे का विकास जरूरी
रेल यात्रियों की सुविधा बढ़ाने और रेलवे के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए नवनियुक्त महाप्रबंधक ने अमृत भारत योजना के तहत अमृत स्टेशनों की प्रगति और स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का आकलन करने के साथ-साथ उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की भी व्यापक समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की प्रगति की निगरानी करने और सभी बुनियादी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। महाप्रबंधक ने निर्धारित समयावधि के भीतर परियोजनाओं का सफलतापूर्वक निर्माण सुनिश्चित करने हेतु समय पर निष्पादन और गुणवत्ता के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यों की योजना बनाते समय सुरक्षा, यात्री सुविधा और भविष्य की परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। देश की जीडीपी में रेलवे का प्रमुख योगदान है और रेलवे के विकास से ही हम ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार कर सकते है।