बाबा केदारनाथ के रक्षक भगवान भैरवनाथ की वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि-विधान से हुई पूजा

-विश्व शांति के लिए हवन का आयोजन, वैदिक मंत्रोच्चारण से भगवान ईशानेश्वर की प्राण प्रतिष्ठा

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट तीर्थ पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूरी विधि-विधान के साथ गुरुवार को विश्व शांति के लिए हवन पूजा किया गया। मुख्य यजमान के रूप में बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के नेतृत्व में भगवान ईशानेश्वर मन्दिर का भी प्राण प्रतिष्ठा का तीसरा दिन सम्पन्न हुआ। आचार्य संजय तीवारी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण से भगवान ईशानेश्वर की प्राण प्रतिष्ठा की गई। ईशानेश्वर भगवान के दर्शन आम भक्तों के लिए शुरू हो जाएंगे। विश्व शान्ति के लिए होने वाले केदारनाथ क्षेत्राधिपति श्री भुकुण्ड भैरव हवन में आचार्य पद पर विराजमान पंडित अरूण शुक्ला ने बाबा भैरवनाथ से सभी भक्तों के कल्याण की कामना की।

मंदिर में करीब दो घंटे चली भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ भगवान का अभिषेक भी किया गया। इसके बाद जौ-तिल व घी से हवन किया गया। भगवान को प्रसाद के रूप में पूरी, रोट व पकोड़े बनाकर उसका भोग लगाया गया। अंत में भक्तों को यह प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। इसके उपरांत भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया। कपाट खुलने के बाद केदारनाथ मंदिर होने वाली नित्य पूजाएं व शाम की आरती भी विधिवत शुरू हो गई है।
केदार सभा अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी ने प्रात: बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक कर हवन के शकुशल संपन्न होने की कामना की। अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी ने कहा केदारनाथ आने वाले भक्त अक्सर बाबा केदार की ही पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन अधिकांश भक्तों को यह पता नहीं है कि केदार बाबा की पूजा-अर्चना से पहले केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा का विधान है।

केदारनाथ धाम से आधा किमी दूर स्थित भैरव बाबा के कपाट जब तक नहीं खुलते हैं, तब तक केदार बाबा की आरती नहीं होती है और ना ही भोग लगता है। जब केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते हैं और केदारनाथ में कोई नहीं रहता है तो भैरवनाथ ही सम्पूर्ण केदारनगरी की रक्षा करते हैं। जिस प्रकार केदारनाथ भगवान के दर्शन का अपना अलग महत्व है, ठीक उसी तरह भैरवनाथ के दर्शनों का भी है। यह एक सिद्ध स्थल है। केदारनाथ धाम में इतनी बड़ी आपदा आई थी, लेकिन भैरवनाथ को कहीं भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा था, बल्कि भैरव बाबा ने आपदा आने का संकेत पहले से दे दिया था। इस मौके पर केदार सभा महामंत्री पं राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, केदार सभा उपमंत्री पंडित अंकित सेमवाल, कोषाध्यक्ष पंडित प्रवीण तिवारी, मीडिया प्रभारी पंडित पंकज शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती, पूर्व केदार सभा अध्यक्ष पंडित बिनोद प्रसाद शुक्ला, केदार मंदिर समिति के कार्यधिकारी रमेश चन्द्र तिवारी और अन्य लोग उपस्थित रहें।