नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए कोशिशें तेज

भू-अधिग्रहण की तैयारी, शासन को भेजा प्रस्ताव

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास जारी है। जिला प्रशासन की तरफ से इस बावत उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। यूपी मंत्रीपरिषद की आगामी मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए उप्र सरकार काफी गंभीर है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है। भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव यूपी मंत्रीपरिषद की अगली बैठक में स्वीकृत होने की प्रबल संभावना है। जानकारी के मुताबिक धारा-11 की अधिसूचना जारी होने पर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। सोशल इंपेक्ट एसेसमेंट (एसआईए) के लिए शासन एक्सपर्ट कमेटी का गठन करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के द्वितीय चरण में विस्तार हेतु 1365 हेक्टेयर भूमि का प्रबंध किया जाएगा। इसमें 1185 हेक्टेयर भूमि काश्तकारों की है। जबकि 124.8 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। कुल 1310 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। यमुना प्राधिकरण 36.54 हेक्टेयर भूमि पहले ही खरीद चाुका है। जबकि कुरैब गांव में 16.39 हेक्टेयर भूमि खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। प्राधिकरण यह भूमि एयरपोर्ट के लिए उड्डयन विभाग को हस्तांतरित करेगा। भूमि अधिग्रहण का मुआवजा वितरण में 2890 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च होगी। उप्र सरकार ने इसके लिए 2 हजार करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है। शेष राशि नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण को जुटानी है। नोएडा की हिस्सेदारी प्रदेश सरकार के बराबर है। जबकि ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को 625-625 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। यमुना विकास प्राधिकरण ने 125 करोड़ रुपए दे दिए हैं। लगभग 85 करोड़ रुपए कीमत की भूमि विभाग को दी जाएगी। शेष राशि भी प्राधिकरण इसी माह उपलब्ध कराएगा। नोएडा इंटरनेशन एयरपोर्ट के विस्तार हेतु अधिगृहित होने वाली भूमि पर एक रनवे का निर्माण किया जाएगा। यह एयरपोर्ट का तीसरा रनवे होगा। इसके अलावा मेंटीनेंस, रिपेयर, ओवरहालिंग (एमआरओ) की गतिविधि होंगी।