उग्र किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय का घेराव किया

सीएम से वार्ता का आश्वासन मिलने पर माने

ग्रेटर नोएडा। नए भूमि अधिग्रहण कानून की मांग के समर्थन में किसानों ने गुरुवार को तीखे तेवर अपनाए। किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर जमकर हंगामा किया। किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय के मुख्य द्वार पर करीब 4 घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। इस बीच प्राधिकरण अधिकारी प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। अधिकारियों ने एक माह के भीतर मुख्यमंत्री के साथ वार्ता कराने का भरोसा दिया। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। किसानों का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के मुताबिक बाजार दर का 4 गुना मुआवजा एवं 20 प्रतिशत भूखंड तथा सभी किसानों और भूमिहीनों के बालिग बच्चों को रोजगार दिए जाने की मांग की गई है। ऐसे में किसान अधिकार युवा रोजगार आंदोलन के आह्वान पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और डीएमआईसी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान शासन स्तर की वार्ता के संबंध में लखनऊ से अनु-सचिव आनंद कुमार सिंह द्वारा सीधे रजिस्ट्री करने वाले किसानों के संबंध में भेजी गई विधिक राय का किसानों ने पुरजोर विरोध किया। किसानों ने सर्व सम्मति से निर्णय ले लिया था कि वो पल्ला, पाली और बोड़ाकी आदि स्थानों पर जारी निर्माण कार्य को रोकेंगे, जिस पर वह सभी बड़ी संख्या में गिरफ्तारी देने के लिए भी तैयार हो गए थे, मगर पुलिस-प्रशासन द्वारा एक माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता कराकर समस्याओं का समाधान कराए जाने का भरोसा दिया गया। जिस पर किसानों ने फिर से मीटिंग की और डीएमआईसी का अवॉर्ड होने में भी एक माह का समय लगने की स्थिति को देखकर सर्वसम्मति से समय दे दिया। उधर, किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि एक माह में सीधे रजिस्ट्री करने वाले किसानों और भूमिहीनों को भी डीएमआईसी परियोजना से प्रभावित मानकर नए अधिग्रहण कानून का लाभ नहीं दिया गया तो पुन: धरना- प्रदर्शन शुरू करेंगे और डीएमआईसी के निर्माण कार्य को रोकेंगे।