कृषि कानून के खिलाफ किसानों के तेवर और तीखे

लंबी लडाई के लिए यूपी गेट पर डटे रहे किसान

चौथे दिन भी यूपी गेट पर बनी रही टकराव की स्थिति

गाजियाबाद। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के तेवर और तीखे हो गए हैं। इस बार किसान आर-पार की लड़ाई के मूड़ में नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन के चौथे दिन भी यूपी गेट पर टकराव की स्थिति बनी रही। किसानों और सुरक्षा बलों के बीच थोड़ा बहुत संघर्ष भी देखने को मिला। यूपी बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बताया कि लगता है सरकार किसानों को गंभीरता से नहीं ले रही। किसानों के प्रति गृहमंत्री अमित शाह का बयान निराशाजनक है कि पहले किसान बुराड़ी आये तो वार्ता होगी। किसान इस शर्त पर वार्ता के लिए तैयार नहीं है, इसके मद्देनजर सभी बॉर्डरों पर जमा किसानों ने फैसला लिया है कि सरकार को बात करनी है तो यहीं से वार्ता हो सकती है, सरकार इस विषय को अहम मुद्दा ना बनाए।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर इन तीनों बिलों को वापिस करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित गारण्टी दिए जाने का फैसला करती है, तो वह बॉर्डर से ही वापिस चले जाएंगे अन्यथा किसान सडक़ों पर है। इस सम्बन्ध में सरकार अगर जल्दी फैसला नहीं करती है तो गाजीपुर, यूपी बॉर्डर के साथ लोनी बार्डर को भी जाम करके आंदोलन को तेज करने का काम किया जाएगा।
कृषि कानून को लेकर किसानों का संघर्ष लंबा चलने वाला है। भारतीय किसान यूनियन के प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने बताया कि किसान बुराड़ी नहीं जतंर-मंतर जाना चाहते हैं। जबकि सरकार उन्हें बुराडी में कैद करने की फिराक में हैं। किसान जिस लक्ष्य को लेकर चले हैं। उससे जरूर पूरा करेंगे।

संघर्ष कितना ही लंबा खींचे किसान हर मुश्किल झेलने को तैयार है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन में शामिल हर किसान का परिवार इस आंदोलन का हिस्सा है। अगर आंदोलन लंबा खींचा तो हो सकता है कि इसमें शामिल होने के लिए हर परिवार से सदस्य बारी-बारी से आते रहें। शनिवार शाम को तय कार्यक्रम के मुताबिक किसान यूपी गेट पर इक_ा हो गए। दिल्ली में जाने की बजाय वह यूपीगेट फ्लाईओवर के नीचे ही दरियां बिछाकर बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल किसान और किसान संगठनों ने खाने-पीने की व्यवस्था का ख्याल रखा। मौके पर स्थानीय पुलिस के अलावा अन्य सैन्य सेवाओं से जुड़े सुरक्षा बल भी भारी मात्रा में तैनात रहे। किसानों को समर्थन देने के लिए कई संगठन भी आगे आए। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने किसानों को अपना समर्थन दिया। इस दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किसानों के प्रति अपना सहयोग देने का वादा किया। वहीं राष्ट्रीय लोक दल ने प्रेसवार्ता कर किसानों को समर्थन देने का ऐलान किया। यूपी गेट पर आज समाज पार्टी के पदाधिकारी भी प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच समर्थन देने पहुंचे।

यूपी गेट पर बार्डर के दोनो ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। इसके बीच पुलिस ने ड्रोन के जरिए भी मौके की निगरानी की। ड्रोन के जरिए किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर नजर बनाए रखी गई। भाकियू के किसानों ने दिल्ली की तरफ खड़ी की गाडिय़ां और बैरिकेडिंग को तोडऩे के बाद किसानों ने दिल्ली की तरफ गाडिय़ां खड़ी कर दी। इसकी वजह से जाम लगा रहा। दिल्ली-यूपी बॉर्डर के पास यूपी गेट बना हुआ है उस में बैठकर सभी किसानों के साथ बातचीत होगी और वह अपनी अगली योजना की पूरी रणनीति तय करेंगे। यूपी गेट पर देर रात तक किसान एकत्र होते रहे। रात में वहीं सोने के साथ खाना खाया। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिल्ली की सीमा पर डटे जवानों और पुलिसकर्मियों को चाय वितरित की। किसान दिल्ली बॉर्डर यानी यूपी गेट पर शनिवार रातभर डटे रहे। वहीं,सैकड़ों पुलिस व फोसज़् से जवान भी यूपी गेट पर रविवार को भी जमा हैं। रविवार सुबह होते ही यूपी गेट पर जय जवान जय किसान के नारे की आवाज गूंजने लगी। वहीं, किसानों के साथ चाय पर चर्चा भी हुई कि विभिन्न इलाकों से रविवार को किसान यूपी गेट पर पहुंच रहे हैं। उनके पहुंचने के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भी यहीं पर किसानों के साथ रात गुजारी। सुबह होते ही दोबारा किसान जय जवान जय किसान का नारे लगाने लगे। किसान आनंदोलन के चलते यूपी गेट पर दिल्ली व गाजियाबाद पुलिस के साथ फोर्स के जवान भी तैनात किए गए हैं। फ्लाईओवर के नीचे से दिल्ली जाने वाली लेन को बैरिकेडिंग कर बंद किया गया है। बैरिकेडिंग के साथ पुलिस व फोर्स के जवान तैनात हैं। यूपी गेट पर किसानों ने भोजन बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। किसानों के आंदोलन के चलते जिला प्रशासन-पुलिस सर्तक है। यूपी गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। आवश्कतानुसार दोपहर करीब सवा एक बजे डायवर्जन किया गया।