पंजाब : विरोधियों की जरूरत नहीं, अपने डूबा रहे कांग्रेस की नाव

पंजाब में विधान सभा चुनाव की सरगर्मी जोरों पर चल रही है। सत्ता में आने के लिए सभी राजनीतिक दल ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं। इस बीच सबसे ज्यादा परेशान और बेचैन कांग्रेस नजर आ रही है। सत्ता जाने के डर से कांग्रेस के नेता विवादास्पद बयान तक देने से बाज नहीं आ रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के भीतर पहले से अंतरकलह कम नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच छत्तीस का आंकड़ा कई बार सामने आ चुका है। कांग्रेस हाईकमान के दखल के बावजूद दोनों दिग्गजों के बीच की अदावत दूर नहीं हो सकी है।

पंजाब की सत्ता पर पिछले पांच साल से कांग्रेस काबिज है। चुनाव के ऐन मौके पर कांग्रेस के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने विवादास्पद बयान देकर पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। चन्नी के बयान को देश की एकता एवं अखंडता को तोड़ने वाला माना जा रहा है। पंजाब में कांग्रेस के सीएम फेस चरणजीत सिंह चन्नी का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें यह कहते दिख रहे थे कि प्रियंका गांधी पंजाब की बहू है। वह पंजाब की हैं। सारे पंजाबियों को एक हो जाना चाहिए। हमें यूपी, दिल्ली और बिहार के भइयों को यहां नहीं घुसने देना है, जो यहां आकर राज करना चाहते हैं।

उनके इस बयान पर जमकर विवाद हो रहा है। आरोप लग रहे हैं कि सीएम चन्नी ने उत्तर प्रदेश और बिहार से पंजाब आने वाले प्रवासियों को लेकर यह टिप्पणी की है। पंजाब में यूपी और बिहार के नागरिक बड़ी संख्या में रह रहे हैं। आजीविका के चक्कर में वह वहां रूके हैं। चरणजीत सिंह चन्नी के बयान के बाद यूपी और बिहार के प्रवासियों में जबरदस्त आक्रोश है। पंजाब विधान सभा चुनाव की बात करें तो इस बार कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) भी दम-खम दिखाने से कतई पीछे नहीं हट रही है।

विभिन्न चुनावी सर्वेक्षण में आप की स्थिति को काफी बेहतर बताया गया है। पजांब में अब तक भाजपा और कांग्रेस का कब्जा रहा है। कांग्रेस ने जहां चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम फेस बनाया है, वहीं आप ने इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार भगवंत सिंह मान को माना है। आप ने कुछ दिन पहले जनता की राय के आधार पर मान को सीएम फेस बनाने का ऐलान किया था। भगवंत मान आप से सांसद भी हैं। ऐसे में कांग्रेस को इस बार भाजपा के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (आप) से भी चुनौती मिल रही है।

सत्ता जाने की बेचैनी और घबराहट में कांग्रेस के दिग्गज नेता आपत्तिजनक बयानबाजी कर अपना ही नुकसान कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी और बिहार के प्रवासी नागरिकों को लेकर विवादास्पद बयान पर बखेड़ा खड़ा होने के बाद कांग्रेस अब ड्रैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी नजर आ रही है। विपक्षी दलों द्वारा आड़े हाथों लिए जाने के बाद कांग्रेस ने अब चन्नी के बयान पर सफाई देने की भरसक कोशिश की है। खुद सीएम चन्नी भी सफाई दे रहे हैं कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, मगर जनता सब जानती है। चुनावी जनसभा के मंच से जिस समय वह दिल्ली, यूपी और बिहार के प्रवासी नागरिकों का अपमान कर रहे थे, उस समय वहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं।

प्रियंका ने चन्नी के बयान पर ऐतराज जाहिर करने की बजाए ताली बजाकर उनका उत्साहवर्द्धन किया था। चरणजीत सिंह चन्नी के विवादित बोल पर घिरने और विधान सभा चुनाव में इसका भारी नुकसान होने की आशंका से कांग्रेस की नींद उड़ी पड़ी है। यही वजह है कि ड्रैमेज कंट्रोल की कोशिश के तहत कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी आगे कर दिया है। चुनावी मौसम में अब तक सीन से बाहर रहे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक एवं विदेश नीति पर सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा पंजाब के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया गया है। इसके पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी भी देश विरोधी बयान देकर चर्चाओं में आ चुके हैं। कुल मिलाकर पंजाब में कांग्रेस की राह कतई आसान नहीं है। सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस अब ऐसे कदम उठा रही है, जो उसके लिए और ज्यादा जोखिम पैदा कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी के लिए मुसीबत बन चुके हैं।

कांग्रेस छोड़ चुके पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। सिद्धू का पाकिस्तान और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है। पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि सिद्धू को कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाने के लिए भी पाक पीएम की तरफ से सिफारिश की गई थी। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि कांग्रेस की नाव डुबोने में विरोधियों से ज्यादा खुद अपने लगे हैं। कड़वी सच्चाई यह है कि अपनों को सुधारने की बजाए कांग्रेस के दिग्गज उनकी सपोर्ट में खड़े होकर विवादों को बढ़ावा ही दे रहे हैं।