कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दहशत में दुनिया

कोरोना वायरस से दुनिया को छुटकारा नहीं मिल पाया है। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने एक बार फिर देश-दुनिया को आतंकित कर दिया है। नया स्ट्रेन बेहद घातक होने की संभावना से इंकार नहीं किया गया है। भारत में भी एकाएक हलचल मच गई है। जनता को फिर रोटी-रोजगार की चिंता सताने लगी है। लॉक डाउन के तकलीफ भरे दिनों का मंजर पुन: आंखों के सामने घूम रहा है। कोरोना वायरस और लॉक डाउन के कारण पिछले नुकसान की भरपाई अभी तक हो नहीं पाई है और नया संकट दरवाजे पर दस्तक देने को तैयार है। केंद्र एवं राज्य सरकारों ने नए स्ट्रेन से निपटने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है।

एहतियात के तौर पर जरूरी कदम उठाए जाने लगे हैं। इससे आमजन में घबराहट पैदा होना स्वाभाविक बात है। अगले कुछ दिन में तस्वीर कितनी बदलेगी, यह बताना मुश्किल है, मगर जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि निकट भविष्य में परेशानी बढ़ना तय हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को चिंता का कारण माना है। नए स्ट्रेन का नाम ओमीक्रॉन रखा गया है। ओमीक्रॉन ग्रीक वर्णमाला का 15वां अक्षर है। कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर दुनियाभर में दहशत तारी है। अमेरिका, कनाडा, जर्मनी सहित कई देशों ने नए स्ट्रेन से निपटने के लिए जरूरी और सख्त कदम उठा दिए हैं।

डब्ल्यूएचओ की सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले कोरोना वायरस के नए प्रकार को बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार करार दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओमीक्रान स्ट्रेन का संक्रमण अत्याधिक तेजी से फैलता है। इसके अलावा ये वैक्सीन के असर को भी कम या समाप्त कर सकता है। दक्षिण अफ्रीका में चौबीस नवम्बर को नए स्ट्रेन की तस्दीक हुई थी। हालांकि कुछ हेल्थ विशेषज्ञ की राय थोड़ी अलग है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के और भी नए वैरिएंट अभी सामने आते रहेंगे। इसलिए किसी भी नए स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है। दुनिया में जब भी इस तरीके की कोई महामारी आती है खासतौर से वायरस, तो उसके स्वरूप बदलते रहते हैं।

कोरोना वायरस के मामले में भी यह प्रक्रिया अनवरत जारी है। अब तक इसके बहुत से बदले स्वरूप सामने आ चुके हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना के इस नए स्ट्रेन में देखे गए करीब 32 म्यूटेशन इसे बेहद संक्रामक बनाते हैं। म्यूटेशन की संख्या जितनी ज्यादा होगी, वायरस के प्रतिरक्षा से बचने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है। स्ट्रेन में इतनी बड़ी संख्या में म्यूटेशन साफ रूप से सिंगल बर्स्ट में जमा हुआ है, इससे पता चलता है कि यह कमजोर प्रतिरक्षा के नागरिकों में पुराने संक्रमण के दौरान विकसित हो सकता है। यह कितना संक्रामक है, फिलहाल इस बारे में साफ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि यह निश्चित है कि अब तक के तमाम स्ट्रेन की तुलना में यह काफी खतरनाक हो सकता है। इसकी बारीकी से निगरानी और विश्लेषण किया जाना चाहिए। यह अब तक के सबसे खतरनाक डेल्टा की तुलना में एंटीबॉडी को चकमा देने में ज्यादा सक्षम हो सकता है। मतलब जिन नागरिकों का टीकाकरण हो चुका है, यह उनके लिए भी बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकता है। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर भारत में भी सतर्कता बरती जाने लगी है। साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन की दहशत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण बैठक की है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले भी एकाएक बढ़े हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना के नए स्ट्रेन से प्रभावित देशों की फ्लाइट पर भारत में रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।

केजरीवाल ने कहा है कि बड़ी मुश्किल से भारत कोरोना संक्रमण से उबर पाया है। इसलिए इस नए स्ट्रेन को भारत में आने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। वहीं, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए सभी हवाई अड्डों को निर्देश दे दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्यों से कहा गया है कि वह दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच करें। कोरोना के किसी भी स्ट्रेन से सुरक्षा के लिए टीकाकरण बेहद महत्वपूर्ण। इससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है।

वास्तविक समय के आंकड़ों से मालूम पड़ता है कि टीकाकरण दर भी स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव को काफी कम करती है। नए संस्करण का उद्भव एक बार फिर दर्शाता है कि महामारी समाप्त नहीं हुई है। विशेषज्ञों की अभी यही सलाह है कि वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कोविड से जुड़े नियमों का पालन करना जैसे मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, सभी साझा स्थानों में अच्छा वेंटिलेशन और हाथों व सतहों को धोना या साफ करना जारी रखा जाए। वायरस के किसी नए स्वरूप की खोज का काम उन नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण के माध्यम से किया जाता है, जिसमें संक्रमण की तस्दीक होती है।

इस प्रक्रिया में अंतर के लिए प्राप्त प्रत्येक अनुक्रम की जांच करना शामिल है, जो दक्षिण अफ्रीका और दुनिया में प्रसारित हो रहा है। कुल मिलाकर कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर बेवजह बेचैन होने से अच्छा है कि हम कोरोना प्रोटोकॉल का भली-भांति पालन करें। साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। जरूरी नियमों का पालन कर बीमारी को पास आने से रोका जा सकता है। चूंकि किसी भी स्तर पर बरती गई लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है। केंद्र एवं राज्य सरकारों को भी आपसी तालमेल बनाकर बगैर समय गंवाए सभी आवश्यक कदम उठा लेने चाहिए।