पहले से ज्यादा जोश में योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ सरकार की दूसरी पारी शुरू हो चुकी है। सरकार ने काम-काज प्रारंभ कर दिया है। सीएम योगी भी जोश में दिखाई दे रहे हैं। यूपी विधान सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं। मौका विधायक पद की शपथ ग्रहण के अवसर का था। विधान सभा में सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। विधायक पद की शपथ लेने के बाद सीएम योगी जब अपनी सीट की तरफ जाने लगे तो उनका सामना नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से हो गया।

योगी को देखकर अखिलेश तुरंत अपनी सीट से उठ खड़े हुए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ का अभिवादन कर उनसे हाथ मिलाया। सीएम योगी ने भी हाथ मिलाने के साथ अखिलेश की पीठ भी थपथपाई। इसी क्रम में विधायक पद की शपथ लेने के उपरांत जब अखिलेश अपनी सीट की तरफ लौटने लगे तो भाजपा विधायकों ने भी सीट से खड़े होकर उनका अभिवादन किया। अखिलेश ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हाथ मिलाया। जबकि कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथ जोड़कर नेता प्रतिपक्ष का अभिवादन किया।

विधान सभा में यह दोनों सीन कुछ मिनट के अंतराल में देखने को मिले, मगर दोनों बार एक बात जो नोटिस की गई, वह था सीएम योगी का अखिलेश यादव से नजरें न मिलना। नेता प्रतिपक्ष से आमना-सामना होने पर उन्होंने गर्मजोशी तो दिखाई, परंतु दोनों की नजरें नहीं मिलीं। इसे लेकर सियासत में चर्चाएं अब तक हो रही हैं। पहले सीन में योगी आदित्यनाथ अखिलेश से हाथ मिलाकर और पीठ थपथपाकर तुरंत आगे बढ़ जाते हैं। दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार की बातचीत नहीं होती। अखिलेश जरूर कुछ बोलते नजर आते हैं। नेता प्रतिपक्ष से योगी आदित्यनाथ द्वारा गर्मजोशी न दिखाना आखिर किसी के संकेत हो सकते हैं।

दरअसल विधान सभा चुनाव में भाजपा और सपा में तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी। सपा मुखिया अखिलेश ने जहां चिलम और गुल्लू शब्द का बार-बार इस्तेमाल कर सीधे योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष किया था, वहीं योगी ने परिवारवाद, दंगाई जैसे तीखे शब्दों के जरिए सपा को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। चुनाव बाद गर्मी उतारने और यूपी को शिमला बनाने जैसे बयान देकर योगी आदित्यनाथ ने सपा को सीधी चुनौती दे डाली थी। वक्त ठहरता नहीं है। वह तेजी से आगे बढ़ता रहता है। वर्तमान सच्चाई यह है कि यूपी में एक बार फिर भाजपा सरकार आ चुकी है। निरंतर दूसरी बार मुख्यमंत्री बनकर योगी ने कई मिथक तोड़ डाले हैं।

यूपी में लंबे समय बाद कोई सरकार लगातार दूसरी मर्तबा सत्ता में लौटी है। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर से जुड़े मिथक के भी अब कोई मायने नहीं रह गए हैं। गौतमबुद्ध नगर को लेकर वर्षों से मिथक चला आ रहा था कि जो भी सीएम अपने कार्यकाल के दौरान वहां की धरती पर कदम रखता है, उसके हाथ से सत्ता चली जाती है। जबकि पहली बार सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार नोएडा-ग्रेटर का दौरा किया था। विधान सभा में बेशक योगी और अखिलेश में मुलाकात हो गई, मगर दोनों के मध्य की अदावत दूर नहीं हो सकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष के प्रति ज्यादा गर्मजोशी न दिखाकर सपा कार्यकर्ताओं को भी एक संदेश देने की कोशिश की है।

संभवत: उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि अपने दूसरे कार्यकाल में भी वह विपक्ष की मनमानी को कतई सहन नहीं करेंगे। दूसरे कार्यकाल की शुरूआत के बाद से सीएम योगी ने तेवर दिखाने आरंभ कर दिए हैं। योगी कैबिनेट की पहली बैठक में प्रधानमंत्री अन्न योजना का तीन माह के लिए विस्तार कर सरकार ने पंद्रह करोड़ नागरिकों को राहत प्रदान की। इसके अलावा सरकारी विभागों को कार्य का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। सभी विभागों को तय समयावधि में काम करके दिखाना होगा। उत्तर प्रदेश में फिलहाल विधान परिषद चुनाव चल रहे हैं। विधान परिषद के लिए 9 अप्रैल को मतदान होना है। जबकि 12 अप्रैल को मतगणना कराकर नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

एमएलसी चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है। पहले विधान सभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू थी। 15 अप्रैल के बाद आचार संहिता हट जाएगी। इसके बाद योगी सरकार और बड़े और कड़े फैसले लेने को स्वत्रंत होगी। चर्चा है कि सबसे पहले सरकारी मशीनरी में व्यापक स्तर पर फेरबदल हो सकती है। यानी लंबे समय से रूकी पड़ी तबादला एक्सप्रेस फिर चालू होने की प्रबल संभावना है। भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई का अभियान शुरू हो चुका है।

सरकारी बुलडोजर फिर से काम पर लग चुके हैं। योगी सरकार के पुन: सत्ता में लौटने के बाद से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा अपराधियों ने खुद चौकी-थानों में सरेंडर कर अपराध जगत छोड़ने की कसमें खा ली हैं। पिछली सरकार के मुकाबले नई सरकार के मंत्रिमंडल का स्वरूप भी अलग है। कई मंत्रियों की छुटटी करने के साथ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देकर सरकार ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि आगे भी बगैर रूके प्रभावी तरीके से काम-काज जारी रहेगा।