मदिरा चालू, मंदिर बंद : भाजपा का पारा चढ़ा

महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार के खिलाफ आंदोलन

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना काल में मदिरा की बिक्री होने और मंदिरों को बंद रखने पर सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता आज सड़कों पर उतर आए। भाजपाइयों ने प्रसिद्धसिद्धिविनायक मंदिर के सामने शक्ति प्रदर्शन किया। प्रदशर्नकारियों ने उद्धव सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। भाजपा ने मंदिरों के कपाट खोलने की अनुमति देने की पुरजोर मांग की। महाराष्ट्र में कोविड-19 (कोरोना वायरस) का प्रकोप रूक नहीं पाया है। इसके कारण पूरे राज्य में कुछ प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है। महाराष्ट्र में मदिरा की बिक्री की अनुमति देने और मंदिरों को बंद रखने के सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने आज सिद्धिविनायक मंदिर के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मदिरा चालू मंदिर बंद जैसे नारे लिखे प्लेकाड्र्स का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने श्रद्धालुओं के लिए सभी मंदिरों के कपाट खोलने की पुरजोर मांग की। ऐसे में एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग को तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश भी की। हालांकि पुलिस ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस मौके पर भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि सूबे में शराब की दुकानें खोल दी गई हैं, मगर मंदिरों के कपाट नहीं खोले जा रहे हैं। मानसिक शांति के लिए मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की किसी को चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलीवरी तक की सुविधा मिल रही है। जिन व्यापारियों की आजीविका मंदिरों पर निर्भर है, उनके प्रति सरकार कोई सोच-विचार नहीं कर रही है। सरकार अहंकार से भरी है। मंदिरों को खुलवाने के लिए भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा। बता दें कि महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 7 हजार 89 नए केस सामने आए थे। इसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15 लाख 35 हजार 315 हो गई। महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में अभी भी कोरोना का प्रकोप चरम पर है।