पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की बाधा दूर, नगर निगम ने कराया जमीन कब्जामुक्त

– शनिवार को पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में धवस्त किये गये 11 मकान
– निगम ने दिखाया मानवीय दृष्टिकोण, म्युनिसिपल कमिश्नर बोले बेघर हुए लोगों की करेंगे मदद
– नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन, कांग्रेस पार्षद का धरना जारी

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की राह के सबसे बड़े अवरोधक को नगर निगम ने दूर कर दिया है। शनिवार को नंदग्राम के शांतिनगर में कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की जमीन पर अवैध रूप से बने 11 मकानों को ध्वस्त कर दिया। पिछले महीने 15 मकानों को तोड़ा गया था। सेंटर बनाने के लिए जितनी जमीन चाहिये था उतने हिस्से को अब पूरी तरह से कब्जामुक्त करा लिया गया है। जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सिस्टम (सीएंडडीएस) को जल्द जमीन का कब्जा सौंप दिया जाएगा उसके बाद यहां निर्माण कार्य शुरू होगा। भू-माफियाओं ने एक सोची समझी साजिश के तहत पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की जमीन पर अवैध कब्जा करवाया था। लेकिन नगर निगम ने एक रणनीति के तहत जमीन को कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई की। नगर निगम ने मानवीय सरोकार दिखाते हुए भू-माफियाओं के शिकार हुए लोगों की मदद करने का आश्वासन दिया है।
प्रदेश सरकार द्वारा गाजियाबाद में पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर बनाने का निर्णय होने के बाद पिछले वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी नींव रखी थी। गाजियाबाद के नंदग्राम में बनने वाला पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर देश का पहला ऐसा ट्रेनिंग सेंटर होगा जहां राजनीति का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बनने से गाजियाबाद शहर को काफी लाभ मिलेगा। लेकिन शहर को बर्बाद करने पर आमादा भू-माफियाओं को यह सब अच्छा नहीं लगा और उन्होंने भोले-भाले गरीब लोगों को फंसाकर उन्हें ट्रेनिंग सेंटर की जमीन बेच दी। सीएंडडीएस जब निर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व पैमाइश करने पहुंची तब जमीन पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ। पिछले एक वर्ष से अवैध कब्जा हटाने को लेकर नगर निगम और पुलिस प्रशासन के बीच पत्राचार हो रहा था। लेकिन इस दौरान जमीन कब्जामुक्त कराने के लिए धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गाजियाबाद के म्युनिसिपल कमिश्नर का चाार्ज लेने के बाद महेंद्र सिंह तंवर ने संपत्ति और प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन को कब्जामुक्त कराने की योजना बनाई। म्युनिसिपल कमिश्नर ने इस कार्य को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया। जिसका नतीजा रहा शनिवार पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की राह की सबसे बड़ी बाधा को दूर कर लिया गया है। पिछले महीने 19 सितंबर को 15 मकानों को तोड़ा गया था। उसके बाद भी इस मुद्दे पर खूब राजनीति हुई। नगर निगम मुख्यालय में कांग्रेसियों ने काफी हंगामा किया। लेकिन म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर ने तभी स्पष्ट कर दिया कि हर हाल में जमीन को खाली कराया जाएगा। शनिवार को पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर की जमीन पर बने 11 और मकानों को तोड़ दिया गया। कार्रवाई के दौरान लोगों ने काफी विरोध किया। लेकिन पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के कारण विरोध प्रदर्शन का असर नहीं पड़ा।

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म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर के आदेश पर अपर नगरायुक्त एवं संपत्ति प्रभारी आर.एन. पांडेय व प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक सरन के नेतृत्व में नगर निगम का प्रवर्तन दस्ता शनिवार सुबह नंदग्राम पहुंचा। नगर निगम के साथ सिटी मजिस्ट्रेट विपिन कुमार एवं सीओ क्राइम आलोक दुबे के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद रही। मकानों को तोड़ने से पूर्व उसे खाली कराया गया। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। कुछ लोगों ने खुद को घर में बंद कर लिया। एक व्यक्ति ने सुसाइड करने की भी चेतावनी दी। सभी को समझा-बुझा कर एवं कुछ बल प्रयोग कर मकानों को खाली कराया गया। इस दौरान बेघर हो रहे लोग, महिलाएं एवं बच्चों की चीख-पुकार मच गई। कुछ लोगों ने पुलिस पर बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया। इस बीच मकान बचाने की जद्दोजहद में राजू नामक युवक तीसरी मंजिल पर चढ़ गया और वहां से नीचे कूदने की कोशिश करने लगा। लेकिन मौके पर मुस्तैद पुलिस ने राजू को नीचे उतार लिया। अवैध कब्जा हटाने की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस पार्षद माया देवी धरने पर बैठ गई। कांग्रेस पार्षद दल के नेता जाकिर सैफी ने नगर निगम मुख्यालय पर समर्थकों के साथ धरना दिया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। कुछ अधिवक्ताओं ने कानूनी दलीलें देकर तोड़-फोड़ की कार्रवाई रूकवाने की कोशिश की। लेकिन निगम अधिकारियों की सख्ती के आगे उनकी नहीं चली।

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अपर नगरायुक्त आर.एन. पांडेय ने बताया कि शांतिनगर-लोहिया विहार में नगर निगम की जमीन पर बनाए गए अवैध मकानों को हटाने के लिए पहले नोटिस दिया गया था उसके बाद कार्रवाई की गई। प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक सरन ने बताया कि सभी को पहले सम­ााया गया। कुछ लोगों ने कार्रवाई के दौरान विरोध उत्पन्न करने की कोशिशें की। जिन मकानों को पहले चरण में तोड़ा जाना था उसे तोड़ दिया गया।

जमीन कब्जामुक्त कराने का जारी रहेगा अभियान
नगर निगम ने प्रथम चरण में पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर के लिए चिन्हित जमीन को कब्जामुक्त कराया है। लेकिन अभी भी नगर निगम की जमीन की जमीन के एक बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा बरकरार है। लगभग 80 से अधिक मकान और तोड़े जाने हैं। भू-माफियाओं ने यहां पूरी कॉलोनी बसा दी है। ऐसे में जमीन का कब्जामुक्त कराने का द्वितीय चरण का अभियान बाद में चलया जाएगा।

222 करोड़ में बनेगा पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर
पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण पर लगभग 222 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसे चरणबद्ध तरीके से बनाया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए शासन द्वारा पहली किश्त जारी कर दी गई है। प्रथम चरण में पांच मंजिला एडमिनस्ट्रिेटिव ब्लॉक, एजूकेशन ब्लॉक, 128 पुरुषों के ठहरने के लिए सात मंजिला हॉस्टल, 48 महिलाओं के ठहरने के लिए दो मंजिला हॉस्टल, 1200 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला आॅडिटोरियम का निर्माण होगा। दूसरे चरण में कर्मचारियों के रहने के फ्लैट एवं अन्य बचे हुए कार्यो का निर्माण होगा।

पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण में जमीन को लेकर जो बाधा आ रही थी उसे दूर कर लिया गया है। पॉलिटिकल ट्रेनिंग सेंटर गाजियाबाद का गौरव बनेगा और इसके बनने से शहर का काफी नाम होगा। नगर निगम एक संवेदनशील संस्था है। ऐसे में भू-माफिया के चंगुल में फंसे लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई जाएगी। जिन लोगों के पास मकान नहीं होगा। उन्हें सरकारी योजना के तहत नियमानुसार पात्रता के तहत मकान दिलाने में मदद की जाएगी। भू-माफिया के खिलाफ लोगों द्वारा जो कार्रवाई की जाएगी उसमें भी कानूनी मदद की जाएगी। नगर निगम की जमीन पर किसी को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। जिन हिस्सों पर अभी भी अवैध कब्जा है उसे भी कब्जामुक्त कराया जाएगा। उसके लिए कार्ययोजना तैयार करके विशेष अभियान चलाया जाएगा।
महेंद्र सिंह तंवर
म्युनिसिपल कमिश्नर
गाजियाबाद।