शातिर बिल्डरों पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का वज्र प्रहार, 8 बिल्डरों का जमीन आवंटन निरस्त 60 करोड़ रुपये जब्त

डॉ. अरुणवीर सिंह को नियम कानून और काम के मामले में कड़क अधिकारी माना जाता है। एनसीआर के बिल्डर अब तक गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न प्राधिकरणों में मनमानी करते रहे हैं। कभी रसूख तो कभी राजनैतिक दखलंदाजी के जरिये अपना हित साधते रहे हैं। लेकिन डॉ. अरुणवीर सिंह के सामने इन बिल्डरों की दाल नहीं गल रही है। यमुना प्राधिकरण ने विगत 4 महीनों में एसडीएस समेत आठ बिल्डरों का भूखंडों का आवंटन निरस्त किया है। ये सभी बिल्डर पैसा नहीं जमा कर रहे थे। साथ ही परियोजना पर काम भी नहीं कर रहे थे। इसके चलते प्राधिकरण ने उनकी जांच शुरू की और आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की। महत्वपूर्ण यह है कि जिन बिल्डरों के भूखंड निरस्त किए गए हैं, उनमें कोई खरीददार नहीं था। बिल्डर सिर्फ अपना लैंड बैंक बनाये हुए थे और प्राधिकरण का पैसा भी नहीं जमा करा रहे थे।

विजय मिश्रा ( उदय भूमि ब्यूरो )
ग्रेटर नोएडा। मनमानी करके प्राधिकरण और आवंटियों को धोखा देने वाले बिल्डरों पर यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जोरदार प्रहार किया है। लीज डीड की शर्तो का पालन नहीं करने और प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा जमाये बैठे बिल्डरों पर सख्त एक्शन लेते हुए सीईओ ने कई बिल्डरों का जमीन आवंटन निरस्त कर दिया है। विगत चार महीने में 8 बिल्डरों का आवंटन निरस्त करते हुए लगभग 60 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं। सीईओ के एक्शन से बिल्डरों में खौफ है। सूत्र बताते हैं कि अभी कई और बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्राधिकरण के अधिकारी ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत बिल्डरों के फाइलों की जांच कर रहे हैं। जिन बिल्डरों ने प्राधिकरण का बकाया पैसा जमा नहीं कराया है और जमीन आवंटन के बावजूद प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
शुक्रवार को यमुना प्राधिकरण ने एसडीएस हाउसिंग प्रालि बिल्डर का करीब 33 एकड़ का भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया। साथ ही बिल्डर के 18. 62 करोड़ रुपए जब्त कर लिए। बिल्डर प्राधिकरण का बकाया 233 करोड़ रुपये जमा नहीं कर रहा था। बिल्डर ने 11 सालों में इस परियोजना का नक्शा तक पास नहीं कराया था। इसके चलते प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। एसडीएस हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड को 2011 में करीब 33 एकड़ का ग्रुप हाउसिंग का भूखंड आवंटित किया था। तब से लेकर आज तक बिल्डर ने यहां कोई काम नहीं किया। बिल्डर की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने परियोजना का नक्शा तक पास नहीं कराया। साथ ही प्राधिकरण का बकाया पैसा भी नहीं जमा कर रहा था। एसडीएस हाउसिंग प्रालि बिल्डर पर यमुना प्राधिकरण का करीब 233 करोड़ रुपये बकाया हैं। बिल्डर को कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। अब यमुना प्राधिकरण ने भूखंड आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की है। भूखंड आवंटन निरस्त करने के साथ ही प्रीमियम का 25 प्रतिशत यानी करीब 18. 62 करोड़ रुपए जब्त कर लिए गए हैं। बिल्डर की इस परियोजना में अभी कोई खरीदार भी नहीं हैं।
डॉ. अरुणवीर सिंह को नियम कानून और काम के मामले में कड़क अधिकारी माना जाता है। एनसीआर के बिल्डर अब तक गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न प्राधिकरणों में मनमानी करते रहे हैं। कभी रसूख तो कभी राजनैतिक दखलंदाजी के जरिये अपना हित साधते रहे हैं। लेकिन डॉ. अरुणवीर सिंह के सामने इन बिल्डरों की दाल नहीं गल रही है। यमुना प्राधिकरण ने विगत 4 महीनों में एसडीएस समेत आठ बिल्डरों का भूखंडों का आवंटन निरस्त किया है। ये सभी बिल्डर पैसा नहीं जमा कर रहे थे। साथ ही परियोजना पर काम भी नहीं कर रहे थे। इसके चलते प्राधिकरण ने उनकी जांच शुरू की और आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की। महत्वपूर्ण यह है कि जिन बिल्डरों के भूखंड निरस्त किए गए हैं, उनमें कोई खरीददार नहीं था। बिल्डर सिर्फ अपना लैंड बैंक बनाये हुए थे और प्राधिकरण का पैसा भी नहीं जमा करा रहे थे। इसके चलते आवंटन निरस्त करने में कोई कठिनाई भी नहीं आई। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर बिल्डर की किसी परियोजना में खरीदार हैं तो उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्राधिकरण खरीददारों के सभी हितों एवं समस्याओं का समाधान करेगा। लेकिन शातिर किस्म के बिल्डरों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

अप्रैल से अब तक इन पर बिल्डरों पर चला हंटर
बिल्डर का नाम-          भूखंड का सेक्टर-   जब्त पैसा (करोड़ रुपये में )
यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि      22 डी                   1.18
त्रिवेली प्रोजेक्टह्यस प्रालि   22 डी                   1.36
सन व्हाइट इंफ्राटेक प्रालि   22 डी                   1.32
प्रथम रिवेलेन्चर प्रालि      22 डी                   1.36
ग्रोथ इंफाडेवलपर प्रालि     22 डी                   2.16
अजनारा इंडिया प्रालि      22 डी –
सिल्वर लाइन फर्निसिंग एंड फर्नीचर प्रालि -18    36.12
एसडीएस हाउसिंग प्रालि    22                      18. 62

एसडीएस हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड को 2011 में करीब 33 एकड़ का भूखंड आवंटित किया गया था। लेकिन कंपनी ने भूखंड आवंटन की शर्तों का पालन नहीं किया। बिल्डर ने इस परियोजना को अभी तक शुरू नहीं किया। बिल्डर द्वारा प्राधिकरण का बकाया पैसा भी नहीं जमा कराया गया। बिल्डर को नोटिस भेजा गया। उसके बाद भूखंड आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की गई। नियम विरूद्ध भूखंड आवंटन और भूखंड आवंटन की शर्तों की अनदेखी कर मनमानी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण