औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण में जुटा यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने 116 तालाबों के जीर्णोद्धार का उठाया बीड़ा

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले गांवों के तालाबों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है। प्राधिकरण क्षेत्र के 96 गांवों के 116 तालाबों का सौदर्यीकरण कराया जाएगा और तालाबों को उनके पुराने स्वरूप में वापस लाया जाएगा। तालाबों का सौंदर्यीकरण इस तरह से किया जाएगा कि भविष्य में सभी तालाब पिकनिक स्पॉट बनेंगे। डॉ. अरुणवीर सिंह के इस प्रयास ने ग्रामीणों के साथ साथ पर्यावरण प्रेमियों को भी खुश होने का अवसर दिया है।
विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। यमुना सिटी क्षेत्र में औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी तरजीह दी जा रही है। एनसीआर क्षेत्र में लगातार गिरता भू-जल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में यमुना प्राधिकरण ने भू-जल स्तर को बढ़ाने को लेकर ठोस प्लान तैयार किया है। तालाब पानी के संरक्षण और भू-जल को रिचार्ज करने का सबसे बड़ा स्त्रोत है। ऐसे में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले गांवों के तालाबों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है। प्राधिकरण क्षेत्र के 96 गांवों के 116 तालाबों का सौदर्यीकरण कराया जाएगा और तालाबों को उनके पुराने स्वरूप में वापस लाया जाएगा। तालाबों का सौंदर्यीकरण इस तरह से किया जाएगा कि भविष्य में सभी तालाब पिकनिक स्पॉट बनेंगे। डॉ. अरुणवीर सिंह के इस प्रयास ने ग्रामीणों के साथ साथ पर्यावरण प्रेमियों को भी खुश होने का अवसर दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एनसीआर के अधिकांश क्षेत्रों में हर साल ग्राउंड वॉटर औसतन 50-60 सेंटीमीटर तक नीचे जा रहा है। एनसीआर में खराब जल प्रबंधन को लेकर एनजीटी ने पुराने जल श्रोतों को पुर्नजीवित करने और जल संचयन करने को लेकर पूर्व कई आदेश भी दिये, लेकिन किसी भी शहर में आदेशों पर ठीक ढ़ंग से अमल नहीं हुआ। अब यमुना प्राधिकरण ने अपने अधीन गांवों के तालाबों की सूरत बदलने की तैयारी शुरू कर दी। 96 गांवों के 116 तालाबों को पुराने स्वरूप में लौटाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्राधिकरण ने कार्ययोजना बना ली है। योजना पर काम भी शुरू हो गया है अगले साल तक इसके सुंदर परिणाम भी दिखाई देने लगेंगे। कई जगह तालाबों पर अवैध कब्जा है, तो कहीं लोगों ने कूड़ा डालकर तालाब को पाट दिया है। कहीं-कहीं तालाबों तक पहुंचने का रास्ता नहीं है।
यमुना प्राधिकरण इन सारी समस्याओं को दूर करेगा। तालाबों से कब्जा हटवाने के साथ ही उनकी सफाई कराई जाएगी। तालाबों तक पहुंचने का रास्ता बनवाया जाएगा। तालाबों का सौंदर्यीकरण प्राकृतिक तरीके से किया जाएगा। तालाब के बीच में एक छोटा आईलैंड बनाया गया है। इस आईलैंड पर पेड़ पौधे और घास लगाये गये हैं। एक दो वर्ष बाद जब पेड़ बड़े हो जाएंगे और तालाब पूरी तरह से पानी से भर जाएगा तो दृश्य बेहद मनोहारी होगा। यह पक्षियों एवं जल जीवों के लिए नैचुरल हैबीटेट (प्राकृतिक आवास) बनेगा। तालाब के चारों ओर पेड़ पौधों के साथ-साथ बेंचे भी लगाई जा रही है। जिससे कि लोग शाम को तालाब पर टहलने के लिए आ सकें। गांवों के तालाबों को पिकनिक स्पॉट की तरह विकसित किया जाएगा।
यीडा के भू-जल संरक्षण योजना से होगा काफी फायदा
जल संरक्षण से जुड़े लोग और पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने के लिए तालाब सबसे कारगर उपाय है। रिपोर्ट बताते हैं कि जिन क्षेत्रों में तालाब होता है वहां का ग्राउंड वाटर लेवल अच्छा होता है। ऐसे में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 116 तालाब बनाये जाने से सिर्फ ग्राउंड वाटर लेवल को दुरूस्त होगा बल्कि जरूरत पड़ने पर तालाबों के पानी का उपयोग सिंचाई सहित अन्य कार्यों में करके भू-जल दोहन को भी रोकने में मदद मिलेगी।
चरणबद्ध तरीके से कराया जाएगा काम
तालाबों का निर्माण और सौंदर्यीकरण चरणबद्ध तरीके से कराया जाएगा। जहां पर पुराने तालाब मौजूद है लेकिन उनकी स्थिति खराब थी वहां प्रथम चरण में तालाबों को कब्जामुक्त कराने के साथ जलकुंभी की सफाई, दूसरे चरण में बारिश एवं अन्य प्राकृतिक स्रोतों से तालाबों में जल संचयन और तीसरे चरण में सौंदर्यीकरण का काम कराया जाएगा। योजना के मुताबिक, तालाबों के चारो तरफ फलदार- फूलदार और छायादार पौधे लगाए जाएंगे। उसके किनारे बेंच लगाई जाएंगी। लाइट का इंतजाम किया जाएगा। फुटपाथ बनाया जाएगा। ताकि कोई भी वहां जाकर समय बिता सके। वहां पर सैर कर सके। गांव के लोगों के लिए एक बेहतर स्थान मिल सकेगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना विकास प्राधिकरण

पेड़ पौधे और पानी जीवन के प्रमुख स्रोत हैं। विकास के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है। तालाबों के जीर्णोद्धार से भू-जल को रिचार्ज करने और ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यमुना प्राधिकरण के अधीन आने वाले गांवों में 116 तालाब हैं। इन सभी तालाबों को पुर्नजीवित किया जाएगा। तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए आईलैंड और वाटिकाएं बनाई जा रही हे जिससे कि वह प्राकृतिक रूप से सुंदर दिखे।
डॉ. अरुणवीर सिंह
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
यमुना प्राधिकरण