लखनऊ के बाद गाजियाबाद एनसीआर को बनाया आंतक का अड्डा, करते थे लूूटपाट और चोरी, अब पुलिस ने किया गिरफ्तार

-250 से अधिक वारदात को दे चुके अंजाम, सरगना, सुनार समेत 3 गिरफ्तार
-लाखों की ज्वैलरी बरामद, चार साल से सुनार खरीद रहा था लूट और चोरी का माल

गाजियाबाद। लखनऊ में लगातार लूट की वारदातों में आंतक मचाने के बादा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना, सुनार समेत तीन शातिर लुटेरों को एंटी स्नैचिंग सेल ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने 3.5 लाख रुपए कीमत की सोने की 9 चेन, तमंचा, कारतूस और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद किया है। पकड़े गये आरोपित अब तक 200 से अधिक लूट, चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके है। गिरोह के सरगना के खिलाफ लखनऊ में 17 मामले दर्ज है। लखनऊ जेल से छूटने के बाद आरोपियों ने एनसीआर क्षेत्र को लूट का अड्डा बना लिया था।
बुधवार को घटना का खुलासा करते हुए एसपी क्राइम डा. दीक्षा शर्मा ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर स्वाट टीम प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दकी, एन्टी स्नैचिंग सैल प्रभारी प्रजन्त त्यागी, एन्टी ऑटो थैफ्ट सैल संजीव चौधरी, जयवीर सिंह की संयुक्त टीम ने बुधवार को सुनार ऋषभ वर्र्मा पुत्र सतीश वर्मा निवासी शिव बिहार करावल नगर दिल्ली और शादान पुत्र स्व: मौहम्मद असलम निवासी नूरऐ इलाही कर्दमपुरी दिल्ली, आजिम पुत्र नौशाद निवासी प्रेम नगर लोनी को गिरफ्तार किया। आजिम गिरोह का सरगना है। लूट और चोरी की वारदातों में उसका साथी कर्दमपुरी दिल्ली निवासी शादान और करावलनगर दिल्ली निवासी सुनार ऋषभ वर्मा शामिल हैं। आजिम पूर्व में अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर लखनऊ में लूटपाट की वारदातों को अंजाम देता था। वर्ष 2016 में आजिम और उसके साथियों को लखनऊ पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया था। वर्ष 2017 के अंत में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आजिम जेल से छूट गया और उसके बाद वह लखनऊ से गाजियाबाद आ गया। फिर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को अपना लूट का अड्डा बना लिया। आजिम लूट, चोरी की वारदातों को अंजाम देने के साथ-साथ लोनी में होटल चलाता है और साथी शादान कपड़ों की फेरी लगाता है। वहीं आजिम के घर के पास ऋषभ वर्मा की सुनार की दुकान है।
गिरोह का साथी शादान दिन में कपड़ों की फेरी लगाता है और फेरी के ही बहाने पॉश कॉलोनियों को चिन्हित करता है। किन कॉलोनियों में वारदात को अंजाम देने के लिए सुरक्षित है और भागने के लिए रास्तों की जानकारी हासिल करता था। जिसके बाद रात के अंधेरे में चिन्हिंत मकानों में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।

मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर महिला रहती थी टारगेट
गिरोह का सरगना और साथी मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर निकलने वाली महिलाओं को निशाने पर रखते थे। सुबह और शाम के समय ज्यादा भीड़ नही होने के चलते वारदात को अंजाम देने में आरोपियों को आसानी रहती थी। वारदात को अंजाम देने के लिए घटना में प्रयुक्त बाइक का इस्तेमाल करते थे। लूट से पूर्व महिलाओं से पता पूछने या फिर किसी अन्य बहाने से रोककर वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते थे।

चार साल से सुनार खरीद रहा था चोरी और लूट का माल
पकड़ा गये सुनार की गिरोह के सरगना के घर के पास दुकान थी। जिस कारण आसपास के लोग अजिम की हरकतों को जानते थे। जिसकी वजह से सुनार चोरी और लूट के माल को दुकान से बाहर कहीं सुनसान जगह पर जाकर खरीदता था। जिससे इसे कोई देख न लें। पिछले चार साल से लगातार सुनार चोरी के माल को खपा रहा था। गिरोह के आरोपी लूट और चोरी के माल को एकत्र करने के बाद सुनार को बेच देते थे।