बीएससी पास युवक बैंक से खातों की जानकारी लेकर कर देता था एकाउंट खाली
गाजियाबाद। गरीब लोगों को रुपए का लालच देकर उनके नाम पर बैंक में खाता खुलवाकर चेक बुक और एटीएम कार्ड जारी कराकर रूपए निकालने वाले गिरोह के शातिर ठग को साइबर सैल व कविनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी इतना शातिर है कि पहले लोगों को खाना, कपड़ा और रुपए का लालच देकर उनका खाता खुलवाता था फिर उनकी चेक बुक और एटीएम कार्ड को जारी कराकर अपने पास रख लेता था। फिर बैंक कर्मचारी की मिलीभगत से ऐसे खातों की तलाश करता था, जिसमें रुपए हो और उसके खाते में मोबाइल नंबर अपडेट न हो। खाताधारक की सारी डिटेल निकालने के बाद उसके नाम से चेक बुक जारी कराने के बाद फर्जी हस्ताक्षर कर खातें में रखे रुपए को अपने दुसरे खाते में ट्रांसफर कर लेता था। फिर उसे अपने पास रखी चेक बुक या फिर एटीएम द्वारा नगदी निकाल लेता था। आरोपी अब 40 लाख रुपए की ठगी कर चुका है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस पिछले काफी समय से प्रयास कर रही थी। जिसके कब्जे से पुलिस ने लाखों रूपए, चेक बुक, एटीएम कार्ड बरामद किया है।
घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया कि साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार, कविनगर थाना एसआई मानवेन्द्र सिंह की संयुक्त टीम ने रविवार को मुखबिर की सूचना पर राजनगर से विवेक पुत्र ब्रजराज निवासी ग्राम रनवीरपुर कन्नौज को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से पुलिस ने 7 लाख रूपए नगद, 7 मोबाइल, चैक बुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडभ् कार्ड, 6 एटीएम कार्ड, 17 सिम, ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है।
साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी बीएससी पास है। जो कि मूलरूप से कन्नौज का रहना वाला है। आरोपी ने गत 2 फरवरी को कविनगर क्षेत्र से 8 लाख और 8 फरवरी को थाना टीलामोड क्षेत्र से 32 लाख रूपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। आरोपी के साथी पूर्व में जेल जा चुके है। उन्हीं साथियों के साथ मिलकर ठगी करता था। आरोपी ने कन्नोज में ही कुछ लोगों को रूपए का लालच देकर उनके नाम से चैक बुक व एटीएम कार्ड जारी कराया हुआ था। चैक बुक और एटीएम कार्ड को अपने पास रखता था। आरोपी बैंक कर्मचारी की मिलीभगत से ऐसे खाताधारकों की सूची तैयार करता था।
जिनके खातें में रूपए हो और उनके खाते में मोबाइल नंबर रजिस्ट्रेड न हो। ऐसे खाताधारकों की पूरी सूची निकाल लेता था, जिसमें उनका पता, हस्ताक्षर दर्ज होता था। फिर उन्हीं के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक को पत्र लिखकर चेक बुक जारी कराता था और नया नंबर रजिस्ट्रेड कराता था। चेक बुक जारी होने के बाद उसका मैसेज मिलते ही स्थानीय पोस्ट ऑफिस से संपर्क कर असली खाताधारक के घर के बाहर खड़ा हो जाता था। पोस्ट मास्टर द्वारा चेक बुक मिलते ही मौका पाकर बैंक में जाकर चेक में फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से भी रुपए को ट्रांसफर या फिर एनएफटी करा लेता था। कन्नौज के खाताधारकों की चेक बुक व एटीएम कार्ड से नगद रूपए निकाल लेता था।
आरोपी ने कन्नोज से लगभग 6 खाता खुलवा रखे थे। सभी के खाते में थोड़े-थोड़े रूपए ट्रांसफर करने के बाद उन लोगों को 10 फिसदी कमीशन देता था और बाकि रुपए अपने पास रखता था। उन्होंने बताया विवेक गिरोह का मुख्य आरोपी है। जो गरीब मजूदरों के खाते खुलवाने, फर्जी सिम उपलब्ध कराने, बैंको स नगद रूपए प्राप्त करना, गिरोह के अन्य सदस्यों को ठगी के निदे्र्रश देने का काम करता था। आरोपी कविनगर और टीलामोड़ थाना क्षेत्र में 40 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है और दोनों ही ठगी कैनरा बैंक से हुई है। इस मामले में पूर्व में पीडि़तों द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। गिरोह का अपराधिक इतिहास और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
खाताधारक रहें सावधान
साइबर सैल प्रभारी ने बैक में खाताधारकों से अपील करते हुए कहा कि अगर बैंक में खाता है, उसमें अपना मोबाइल नंबर को जरूर रजिस्ट्रेड कराएं। अपने खातों की जानकारी किसी से भी सांझा न करें। पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अपील कर रही है कि किसी भी अंजाम व्यक्ति को अपना ओटीपी न बताएं। आनलाइन ठगी करने वाले आमजन से धोखा कर खाते से रुपए निकाल लेते है।