राजस्थान में गहलोत राज: अशोक गहलोत ने हासिल किया विश्वास मत, 21 अगस्त तक सदन स्थगित

उदय भूमि ब्यूरो
जयपुर।
राजस्थान में गहलोत राज बरकरार रहेगा। एक महीने से भी अधिक समय से चल रहे राजनैतिक घमासान और उठापटक के बीच शुक्रवार को अशोक गहलोत ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत हासिल करने के बाद गहलोत ने भाजपा और अमित शाह पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि बीजेपी जितनी कोशिश कर ले, सरकार नहीं गिरने देंगे। भाजपा के लोग अब बगुला भगत बन रहे हैं। लेकिन उन्होंने षड्यंत्र करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेरी उम्र 69 साल हो गई, 50 साल से राजनीति में हूं। लेकिन आज देश के लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं। विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद सदन 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की चर्चा के बीच गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास प्रताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद आक्रामक अंदाज में नजर आए। गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोग, उनके हाईकमान राजस्थान की सरकार गिराने की चाहे जितनी कोशिश कर लें हम सरकार नहीं गिरने देंगे।
सचिन पायलट की गहलोत से मिलन के बाद कांग्रेस की विधानसभा में संख्या 107 हो गई है। सभी 13 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं और छोटे दलों के समर्थन के साथ गहलोत के पास है। ऐसे में गहलोत सरकार के पास 125 विधायकों का संख्या बल है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में सरकार को बहुमत के लिए 101 का आंकड़ा चाहिये। कांग्रेस के पास जहां इससे अधिक संख्या है वहीं भाजपा के पास महज 75 विधायक हैं।
कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर बात कर रहे लोगों को नसीहत देते हुए सीएम गहलोत ने भाजपा में चल रही गुटबाजी पर भी जमकर चुटकी ली। उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से पूछा कि वसुंधरा राजे से आपका रिश्ता कैसा है? वह यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा यूनुस खान कब से वसुंधरा राजे का चहेता हो गया और कब राजेंद्र राठौड़ उस कैंप से अलग हो गए? आपकी पार्टी वाले यही कहते हैं कि हम आपस से मिले हुए हैं। लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। मेरी उनसे (वसुंधरा राजे) से कोई बातचीत भी नहीं होती है।
ज्ञात हो कि सचिन पायलट ने बागी तेवर अख्तियार कर लिया था। इसके बाद पायलट समर्थक विधायकों ने गहलोत सरकार के अल्पमत में आ जाने का दावा किया था। राजस्थान में सरकार पर खतरा देख गांधी परिवार सहित पूरा कांग्रेस सक्रिय हुआ और पायलट को साथ लाने में सफल रहे।