ब्रेकिंग न्यूज: नहीं रहे ‘डैडी’ कांग्रेस के पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल का कोराना से हुआ निधन

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली/गाजियाबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल का शुक्रवार तड़के निधन हो गया। सुरेंद्र प्रकाश गोयल कोरोना से पीड़ित थे और दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक शुक्रवार तड़के दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हुआ। निधन की पुष्टि करते हुए उनके बेटे सुशांत गोयल ने बताया कि अंतिम संस्कार हिंडन मोक्षस्थली पर होगा। सुरेंद्र प्रकाश गोयल के निधन से कांग्रेसियों में शोक की लहर दौर गई। गोयल गाजियाबाद के ऐसे नेता थे जिनकी सीधी पहुंच गांधी परिवार थी औैर सभी लोग उन्हें प्यार से ‘डैडी’ कहकर बुलाते थे। निधन की सूचना मिलते ही डैडी मिस यू, डैडी को श्रद्धांजली सहित अनेको मैसेज सोशल मीडिया पर आने लगे। हैशटैग सुरेंद्र प्रकाश गोयल, हैशटैग एक्स एमपी गोयल, हैशटैक श्रद्धांजली ट्रेंड करने लगा। सरेंद्र प्रकाश गोयल को गाजियाबाद के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता था। दो दिन पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी का निधन हुआ था और आज कांग्रेस को दूसरा झटका लगा है। बेहद हंसमुख और लोकप्रिय नेताओं में शुमार सुुरेंद्र गोयल को पिछले महीने कोरोना हुआ था। बीस जुलाई को पूर्व सांसद की कोरोना जांच कराई गई थी जिसमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उनका शुरू में होम-आइसोलेशन में ही घर पर उपचार चल रहा था। हालत बिगड़ने पर दो अगस्त कोे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पहले चेयरमैन, फिर विधायक और बाद में बने सांसद

चुनाव के दौरान कांग्रेसी नेताओं के साथ पार्टी के लिए वोट मांगते सुरेंद्र गोयल। :फाइल फोटो

75 वर्षीय सुरेंद्र प्रकाश गोयल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा के गढ़ गाजियाबाद में तीन बार के सांसद रमेश चंद्र तोमर को हराकर वह गाजियाबाद के सांसद बने थे। गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोगों की राजनीति करने वाले गोयल पहली बार 1972 में नगर पालिका गाजियाबाद के सदस्य चुने गये। 1973 में नगर पालिका के चेयरमैन बने और फिर 1989 में भी चेयरमैन बने। चेयरमैन रहते हुए उन्होंने काफी काम कराये और एक लोकप्रिय नेता के रूप में गाजियाबाद में स्थापित हो गये। 2002 में शहर से विधायक चुने गए। साल 2004 में पहली बार रमेश चंद्र तोमर को हराकर कांग्रेंस से सांसद चुने गए।

हर बार पार्टी में विरोधियों को देते थे मात
गोयल कई उपमानों से जाने जाते थे। कोई उन्हें ‘डैडी’ कहता तो कोई ‘चाचा’ कहकर पुकारता था। चाचा राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी थे।

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पूर्व सांसद सुरेंद्र गोयल एवं अजय वर्मा। : फाइल फोटो

चाचा के आगे पार्टी में किसी की नहीं चलती थी। लाख विरोध और साजिशों को बावजूद हमेशाा चाचा पार्टी में अपनी बात मनवा लेते थे। टिकट वितरण के समय कांग्रेस के भीतर काफी खींचतान होती लेकिन हर बार गोयल नामांकन से पहले अपना नाम फाइनल कराने में सफल होते।

राज बब्बर से मंगवाई माफी

दिवंगत कांग्रेसी सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राज बब्बर एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय वर्मा। : फाइल फोटो

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र गोयल को टिकट नहीं मिला और गाजियाबाद लोकसभा सीट से राज बब्बर को मैदान में उतारा गया। सुरेंद्र गोयल नाराज हो गए और चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया। बाद में राज बब्बर गोयल के घर गये मांफी मांगी और चुनाव में सहयोग का आश्वासन लिया। नाराज गोयल के मान मनौव्वल और राज बब्बर के चुनाव प्रचार करने के लिए राजी करने में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय वर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गाजियाबाद में कोई कार्यक्रम हो तो हर बार राहुल एवं सोनिया सुरेंद्र गोयल का नाम अवश्य लेते थे।