सावधान ! बिहार पर मंडराया ब्लैक आउट का खतरा, 4 यूनिट से विद्युत उत्पादन बंद

-जरूरत 2340 की, उत्पादन सिर्फ 600 मेगावाट

-एनटीपीसी ने युद्धस्तर पर शुरू किया सुधार का काम

उदय भूमि ब्यूरो

भागलपुर। बिहार के वाशिंदों के लिए अच्छी खबर नहीं है। वहां ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है। यानि कभी भी विद्युत आपूर्ति पूर्णत: ठप होने के आसार हैं। इससे नागरिकों की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। खबर है कि कहलगांव एनटीपीसी की 4 यूनिट से विद्युत उत्पादन बंद हो गया है। नतीजन विद्युत उत्पादन में भारी गिरावट आ गई है। 2340 मेगावाट की बजाए महज 600 मेगावाट विद्युत उत्पादन रह गया है। उधर, एनटीपीसी प्रबंधन ने बिजली संकट से निपटने के लिए कसरत शुरू कर दी है। जानकारों का मानना है कि स्थिति पर जल्द कंट्रोल नहीं किया गया तो सूबे में ब्लैक आउट के हालात उत्पन्न हो जाएंगे। दरअसल एनटीपीसी के ऐश डाइक एरिया में निर्मित कमजोर तटबंध के कारण वीरवार की दोपहर बाद लैगून नंबर-2 में पानी का भारी दबाव आ गया था, जिसके कारण बड़े भूभाग में धसान हो गया। इसके चलते सेनोस्फियर, सीमेंट सहित कई मशीनें उसकी चपेट में आ गई। फलस्वरूप एनटीपीसी की 4 यूनिट का संचालन ठप हो गया है। उधर, एनटीपीसी प्रबंधन ने लिखित बयान जारी कर प्रिवेंटिव मेजर के रूप में 4 यूनिट को बंद करने की बात कही है। ऐश डाइक लैगून नंबर-2 को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किए जाने की बात प्रबंधन ने बताई है।

तकनीकी समिति का गठन

पूरे मामले की जांच के लिए एनटीपीसी प्रबंधन ने तकनीकी समिति का भी गठन किया है। बताया गया है कि तटबंध टूटने के कारण ऐश डाइक एरिया में जमा ऐश वाटर आस-पास की खेतिहर भूमि में फैल गया है, जिससे खेत में गंदा पानी भर गया है और खेती को भी नुकसान होने की खबर है। हालांकि एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि ध्वस्त तटबंध को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। प्रबंधन शीघ्र दुरुस्त कर लेने का दावा कर बंद 4 यूनिट से विद्युत उत्पादन शुरू करने की बात कह रहा है। बताया जाता है कि कहलगांव के ऐश डाइक में ठेके को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चलती है और ऐश को लेकर पूर्व में भी अलग-अलग गुटों में खूनी झड़प हो चुकी है। कमीशन को लेकर अलग-अलग गुट एक-दूसरे के आमने-सामने होते रहे हैं। ऐश डाइक के लैगून के तटबंध के क्षतिग्रस्त होने के पीछे भी बाहर की दूसरी कंपनी को मिले ठेके को कारण बताया जा रहा है।