सरकार और किसानों में 8वें दौर की वार्ता

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी

दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के मध्य आज 8वें दौर की वार्ता होगी। दोनों पक्षों को इस वार्ता के जरिए समाधान निकलने की उम्मीद है। यह वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 44 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। इसके तहत दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच अब तक 7 दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर गतिरोध बरकरार है। शुक्रवार को 8वें दौर की वार्ता से फिर नई उम्मीदें जागी हैं। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे। उधर, 8वें दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वार्ता सकारात्मक माहौल में होगी और इसका समाधान निकलेगा। चर्चा के दौरान हर पक्ष को एक समाधान तक पहुंचने के लिए कदम उठाने होंगे। उधर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पहले की वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं। सरकार सुधार करने को तैयार है। मुझे उम्मीद है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे। किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा। वहीं, किसानों ने कहा कि वह तीनों कानूनों में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार को किसानों की मांगों पर ठोस निर्णय लेना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी किसान आंदोलन पर चिंता जाहिर कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने उम्मीद जताई थी कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। हालाकि मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा कि किसान आसानी से मान जाएंगे। किसान आंदोलन के कारण सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।