मुरादनगर श्मशान घाट मामले में मजिस्ट्रीयल जांच शुरू

जीडीए, नगर निगम और राजकीय निर्माण
निगम की संयुक्त टीम भी जल्द सौंपेगी रिपोर्ट

गाजियाबाद। उखलारसी श्मशान घाट हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। घटना के संबंध में कोई भी व्यक्ति 15 जनवरी तक साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है। मुरादनगर थानांतर्गत उखलारसी श्मशान घाट में गत 3 जनवरी को नवनिर्मित भवन की छत ढहने से 24 नागरिकों की मौत हो गई थी। दर्जनभर से ज्यादा नागरिक घायल भी हो गए। इस प्रकरण की अब मजिस्ट्रीयल जांच आरंभ की गई है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संतोष कुमार वैश्य को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। कोई भी व्यक्ति जांच के संबंध में आवश्यक साक्ष्य एडीएम कार्यालय में 15 जनवरी तक उपलब्ध करा सकता है। जांच पूरी कर एडीएम द्वारा डीएम को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। बता दें कि इस मामले में डीएम के निर्देश पर एक और जांच चल रही है। इस जांच टीम में जीडीए के मुख्य अभियंता वीएन सिंह, नगर निगम के मुख्य अभियंता (निर्माण) मोईनुद्दीन और उप्र राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक छेदी लाल शामिल हैं। 3 सदस्यीय यह टीम घटनास्थल का भ्रमण कर चुकी है। वहां निर्माण सामग्री में मानकों की अनदेखी के साक्ष्य भी मिले थे। यह टीम जल्द टीम को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी जांच के आदेश भी दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की टीम जल्द मुरादनगर में घटनास्थल का दौरा कर सकती है। यह टीम श्मशान घाट जाने के अलावा नगर पालिका परिषद मुरादनगर के कार्यालय का दौरा भी करेगी। इसके अतिरिक्त मृतक आश्रितों के परिवारों से मुलाकात कर सकती है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री कोई बड़ा निर्णय ले सकेंगे। एसआईटी जांच से जिला प्रशासन और नगर पालिका की मुश्किलें भी बढऩा तय है। उप्र सरकार द्वारा अब तक 14 मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि के चैक उपलब्ध कराए गए हैं।