ग्रेटर नोएडा की विकास योजनाओं में आम जन की रहेगी भागीदारी, इस योजना से होगी शुरुआत

-सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में लोगों से सुझाव लेगा ग्रेनो प्राधिकरण
-प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर लोकेशन का सुझाव दे सकते हैं

उदय भूमि
ग्रेटर नोएडा। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार शहर की विकास योजनाओं में आम जन भागीदारी चाहते हैं। इसके लिए योजना पर काम शुरू हो गया है। अब शहर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण शुरू करने से पहले आम लोगों से सुझाव लिया जाएगा। इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने क्यूआर कोड जारी किया है। क्यूआर कोड को स्कैन कर कोई भी व्यक्ति अपना सुझाव दे सकता है कि सार्वजनिक शौचालय कहां- कहां बनने चाहिए। खास बात यह है कि स्थान का नाम व फोटो अपलोड करना होगा।

आमजन की सुविधा व शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए प्राधिकरण द्वारा शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। स्वच्छ भारत योजना के तहत अब तक 15 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।।ज्यादातर शौचालय गोल चक्कर के पास बनाए गए हैं। योजना के तहत बीते माह 16 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण शुरू किया गया तो शहर के नागरिकों ने यह करते हुए विरोध करना शुरू कर दिया कि गोल चक्कर के समीप सार्वजनिक शौचालय का निर्माण उचित नहीं है। एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्यों ने एलजी गोलचक्कर व विश्व भारती स्कूल के सामने बन रहे शौचालय का काम रुकवाने के साथ प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों से इसकी लिखित शिकायत की थी। लोगों द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद प्राधिकरण ने शौचालयों के निर्माण में आमजन का सुझाव लिए जाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक क्यूआर कोड स्कैन कर फार्म भरना होगा। इसमें लोकेशन का नाम फोटो अपलोड करने का विकल्प होगा। शौचालय बनाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता कहां पर है, यह बताना होगा।

60 और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण की तैयारी
ग्रेटर नोएडा व ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र में 60 और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण की तैयारी चल रही है। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। सभी वर्क सर्किल के प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी गई है कि शौचालय बनाना कहां जरूरी है। प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण शुरू करने से पहले लोगों का सुझाव लिया जाएगा। क्यूआर कोड जारी कर लोगों से लोकेशन का सुझाव देने को कहा गया है कि कहां- कहां पर शौचालय बनने चाहिए। आवश्यकता वाले स्थानों पर ही शौचालय का निर्माण किया जाएगा।