किसानों का माफीनामा, जनता से मांगी क्षमा

आंदोलन से आमजन की परेशानी पर सफाई

नई दिल्ली। दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर पिछले 19 दिनों से डटे किसानों ने आंदोलन के कारण आमजन की तकलीफ को समझा है। किसानों ने जनता के लिए माफीनामा जारी किया है। इसके जरिए अपनी परेशानी को भी बताया है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से यह माफीनामा जाररी किया गया है। इसमें किसान आंदोलन के कारण आमजन के समक्ष उत्पन्न परेशानियों पर खेद जताया गया है। उन्होंने यह भी भरोसा दिया है कि यदि किसी मरीज या जरूरतमंद को कोई परेशानी होगी, तो तुरंत हमसे संपर्क करें। माफीनामा में कहा गया है कि हम किसान हैं, जनता हमें अन्नदाता कहती है। प्रधानमंत्री कहते हैं वह हमारे लिए 3 कानून की सौगात लेकर आए हैं। हम कहते हैं ये सौगात नहीं सजा है। हमें सौगात देनी है तो फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दें। सड़क बंद करना, जनता को तकलीफ देना हमारा कोई मकसद नहीं है। हम तो मजबूरी में यहां बैठे हैं। फिर भी हमारे इस आंदोलन से आपको जो परेशानी हो रही है, उसके लिए आपसे हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हैं। आंदोलनरत किसानों ने भरोसा दिलाया है कि यदि किसी भी बीमार या बुजुर्ग को दिक्कत हो, एम्बुलेंस रूकी हो या और कोई इमरजेंसी हो तो कृपा हमारे वॉलिंटियर से संपर्क करें, वह आपकी तुरंत सहायता करेंगे। बता दें कि किसान आंदोलन का आज 19वां दिन है। इस बीच सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने भूख हड़ताल की है। दोनों बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के 40 किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शाम 5 बजे तक वह अनशन पर रहेंगे। इसके अलावा देशभर में जिला मुख्यालयों पर किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। किसानों ने सोमवार को सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल शुरू की। सिंघु, टीकरी, पलवल और गाजीपुर आदि बॉर्डर पर किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि कृषकों का रुख बिल्कुल साफ है। तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना चाहिए। सरकार की मनमानी को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। इसके इतर केंद्रीय गृह मंत्री ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पुन: वार्ता की है।