– 15 देशों के अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने सिहानी स्थित गार्बेज फैक्ट्री का किया भ्रमण
– फॉरेन डेलिगेट में शामिल अधिकारियों ने नगर निगम की कचरा निस्तारण प्रणाली को सराहा
– रैग पिकर्स के बच्चों के लिए चलाये जा रहे बाल गोपाल सेंटर की प्रशंसा की
– फॉरेन डेलिगेट में शामिल अधिकारियों ने नगर निगम की कचरा निस्तारण प्रणाली को सराहा
– रैग पिकर्स के बच्चों के लिए चलाये जा रहे बाल गोपाल सेंटर की प्रशंसा की
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद का नाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रहा है। कभी गंदगी और बदहाली का पर्याय रहे गाजियाबाद की गिनती आज देश् के सबसे स्वच्छ शहरों में होती है। स्वच्छता के मामले में उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की रैंकिंग नंबर-1 है। गाजियाबाद की चर्चा इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि यहां कूड़ा निस्तारण के लिए कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है और प्रतिदिन यहां लगभग 1600 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इतनी अधिक कूड़ा का किस तरह से निस्तारण होता है इसे जानने के लिए अक्सर देश-दुनियां से लोग गाजियाबाद आते रहते हैं। शुक्रवार को 15 देशों के अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने गाजियाबाद नगर निगम के कामकाज को जाना। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सदस्यों ने सिंहानी स्थित गार्बेज फैक्ट्री का भ्रमण किया और कूड़ा निस्तारण की पद्धति को समझा। प्रतिनिधि में शामिल सदस्य गार्बेज फैक्ट्री स्थित बाल गोपाल सेंटर को देखकर अभीभूत हो गये। दरअसल गाजियाबाद नगर निगम द्वारा रैग पिकर्स के बच्चों को शिक्षा देने के लिए और ड्यूटी ऑवर में उनके बच्चों की देखभाल के लिए बाल गोपाल सेंटर चलाया जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम देश के चुनिंदा ऐसे नगर निगम में से एक है जो अपने दैनिक कर्तव्यों के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी काफी तरजीह देता है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रतिनिधि मंडल को भ्रमण कराया गया। प्रतिनिधिमंडल में दुनिया के अलग-अलग देशों के ऑफिसर्स शामिल थे।
गाजियाबाद। गाजियाबाद का नाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रहा है। कभी गंदगी और बदहाली का पर्याय रहे गाजियाबाद की गिनती आज देश् के सबसे स्वच्छ शहरों में होती है। स्वच्छता के मामले में उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की रैंकिंग नंबर-1 है। गाजियाबाद की चर्चा इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि यहां कूड़ा निस्तारण के लिए कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है और प्रतिदिन यहां लगभग 1600 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इतनी अधिक कूड़ा का किस तरह से निस्तारण होता है इसे जानने के लिए अक्सर देश-दुनियां से लोग गाजियाबाद आते रहते हैं। शुक्रवार को 15 देशों के अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने गाजियाबाद नगर निगम के कामकाज को जाना। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सदस्यों ने सिंहानी स्थित गार्बेज फैक्ट्री का भ्रमण किया और कूड़ा निस्तारण की पद्धति को समझा। प्रतिनिधि में शामिल सदस्य गार्बेज फैक्ट्री स्थित बाल गोपाल सेंटर को देखकर अभीभूत हो गये। दरअसल गाजियाबाद नगर निगम द्वारा रैग पिकर्स के बच्चों को शिक्षा देने के लिए और ड्यूटी ऑवर में उनके बच्चों की देखभाल के लिए बाल गोपाल सेंटर चलाया जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम देश के चुनिंदा ऐसे नगर निगम में से एक है जो अपने दैनिक कर्तव्यों के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी काफी तरजीह देता है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रतिनिधि मंडल को भ्रमण कराया गया। प्रतिनिधिमंडल में दुनिया के अलग-अलग देशों के ऑफिसर्स शामिल थे।
कठिन परिस्थतियों में गाजियाबाद ने सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कूड़ा निस्तारण की उत्तर व्यवस्था की है। हालांकि नगर निगम द्वारा गालंद में अत्याधुनिक हाईटेक कूड़ा निस्तारण संयत्र लगाने की योजना है। जहां पर कूड़ा निस्तारण के साथ ही बिजली का भी उत्पादन होगा। लेकिन राजनैतिक विरोध के कारण गालंद का प्रोजेक्ट अटका हुआ है। बावजूद इसके गाजियाबाद नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण की शानदार व्यवस्था की है। प्रतिदिन योजनाबद्ध तरीके से कूड़े का इस तरह निस्तारण किया जाता है कि सड़कों पर कहीं कूड़ा नहीं रहता। गाजियाबाद में गीला और सूखा कूड़े को अलग करने के साथ इलेक्ट्रिॉनिक और अन्य प्रकाड़ के कूड़े का भी अलग-अलग सेग्रीग्रेशन होता है। नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश ने बताया कि 15 देशों से 25 विदेशी मेहमानों ने सिहानी स्थित गार्बेज फैक्ट्री का भ्रमण किया।
प्रतिनिधि मंडल ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर जानकारी ली। उन्होंने शहर की स्वच्छता को लेकर विशेष चर्चा की। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को बताया कि गार्बेज फैक्ट्री में सेग्रीगेशन के अलावा गीले कूड़े से किस तरह खाद बनाया जाता है और सूखे कचरे को रिसाइकल करते हुए पुन: उपयोग में लाया जाता है। प्रतिनिधि मंडल में ब्राजील, इराक, थाईलैंड, श्रीलंका, पेरू दक्षिण अमेरिका एवं अफ्रीकी देशों के अधिकारी शामिल थे। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल के सदस्य गार्बेज फैक्ट्री में चल रहे बाल गोपाल स्कूल को देखकर काफी प्रभावित हुए और इसकी प्रशंसा की। सदस्यों ने गार्बेज फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों से भी बातचीत की।