कल होगी गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक ट्रेड लाइसेंस शुल्क, पुनरीक्षित बजट होगा पेश

गाजियाबाद। नगर निगम की नए साल में पहली बोर्ड बैठक कल सुबह 11 बजे निगम मुख्यालय सभागार में होगी। मेयर सुनीता दयाल पहले ही बोर्ड बैठक प्रस्तावित कर चुकी है। मेयर की अध्यक्षता में आज यानि कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से होने वाली नगर निगम बोर्ड बैठक में इंदिरापुरम कॉलोनी हैंडओवर के मुद्दा और वार्डों में विकास कार्य पूरा नहीं कराए जाने को लेकर पार्षदों द्वारा हंगामा किए जाने की प्रबल संभावना दिख रही है। वहीं, निगम बोर्ड बैठक सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव स्पा, जिम, ज्वेलरी शॉप संचालकों से ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने संबंधित प्रस्ताव रखा जाएगा।

हालांकि इस प्रस्ताव के रखे जाने से पहलेे ही शहर के व्यापारियों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष-2023-24 का पुनरीक्षित बजट रखा जाएगा। बजट में 1611.47 करोड़ अंतिम अवशेष व 1684.37 करोड़ वृहद योग का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके अलावा 26 सितंबर-2023 के कार्यवृत्त की पुष्टि, नगर निगम सीमा अंतर्गत 40 सामुदायिक केंद्र के रखरखाव को लेकर प्राइवेट एजेंसी को देने। जीडीए, आवास एवं विकास परिषद, प्राइवेट बिल्डर्स की कॉलोनी के अलावा इंडस्ट्रियल एरिया व वार्डों में विकास कार्यों के बाद ही सड़क का निर्माण कार्य कराने संबंधी प्रस्ताव, एसटीपी के संचालन के लिए धनराशि का अनुमोदन करने। स्पोट्र्स सेंटर का निर्माण संबंधी प्रस्ताव।

शहर में 43 बस शैल्टरों का दिल्ली की तर्ज पर पीपीपी मॉडल या बीओटी के आधार पर कराए जाने। नगर निगम सीमा में चालित ई-रिक्शा आदि वाहनों के संचालन को विनियमित एवं नियंत्रित करने के लिए निगम द्वारा अपनी उप-विधि तैयार की जानी है। इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। शहर में ट्रेड लाइसेंस की 39 मदों में होटल, लॉजिंग, रेस्टोरेंट,ढाबा,नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, प्रसूति गृह, पैथोलॉजी सेंटर, देशी, विदेशी शराब, बियर बार, ऑटो रिक्शा आदि की ट्रेड लाइसेंस शुल्क की दरें निर्धारित करने संबंधी प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके अलावा पार्षदों के वार्डों से संबंधित विकास कार्यों के प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखे जाएंगे। दरअसल, नगर निगम सीमा क्षेत्र में व्यापार करने वाले व्यापारियों को नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना पड़ेगा। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को आज मंजूरी मिल गई तो इसका बॉयलाज तैयार किया जाएगा। इस पर व्यापारियों से आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिसका निस्तारण कर गजट का प्रकाशन कराया जाएगा, उसके बाद लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। व्यापारियों का तर्क है कि नगर निगम द्वारा जो सुविधाएं पानी, कूड़ा उठाने की दी जाती है, इसकी एवज में चार्ज पहले से ही लिया जा रहा है। ट्रेड लाइसेंस शुल्क के नाम पर वसूली व्यापारियों का उत्पीडऩ है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि 16 दिसंबर 1997 को शासन द्वारा दिए गए निर्देश पर नगर निगम द्वारा 39 मदों में ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से होटल, लाज, रेस्टोरेंट, ढाबा, नर्सिंग होम, अस्पताल, प्रसूति गृह, पैथोलॉजी सेंटर, डेंटल क्लीनिक, फाइनेंस कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी, शराब की दुकान, बीयर बार, आईस फैक्ट्री, आटो रिक्शा, मिनी बस आदि शामिल हैं। इन मदों में सदन के निर्णय के तहत दरों को निर्धारित कर ट्रेड लाइसेंस शुल्क लेकर लाइसेंस दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त भी नगर निगम सीमा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित किए जा रहे हैं, जिनको चिन्हित करते हुए नियमानुसार ट्रेड लाइसेंस शुल्क जमा कराकर लाइसेंस दिए जाने का प्रस्ताव है।

नगर निगम की बोर्ड बैठक में रखे जाने वाले ट्रेड लाइसेंस शुल्क की दरें भी निर्धारित की गई है। इसके तहत जिम (सामान्य)-फीस-2000 रुपए। जिम वातानुकूलि-3 हजार रुपए, ब्यूटी पार्लर (सामान्य)-2000 रुपए, ब्यूटी पार्लर (वातानुकूलित)-3000 रुपए, कोचिंग, प्रशिक्षण संस्थान-2000 रुपए, चार्टर्ड एकाउंटेंट कार्यालय-4000 रुपए, स्पा सेंटर-3000 रुपए, सामान्य ज्वेलरी शॉप-3000 रुपए, ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप-5000 रुपए, ब्रांडेड कपड़ा शोरूम-4000 रुपए, सभी ब्रांडेड शूज शोरूम-4000 रुपए, स्पोट्र्स एकेडमी एकल गेम-10 हजार रुपए, स्पोट्र्स एकेडमी एक से अधिक गेम-20 हजार रुपए शुल्क रखा गया हैं।