गाजियाबाद का अपना ऐप लॉन्च : शहरवासियों को 66 प्रकार की समस्याओं का घर बैठे मिलेंगा समाधान

-जनता को अब नहीं लगाना होगा नगर निगम कार्यालय के  चक्कर
-गाजियाबाद 311 ऐप के इस्तेमाल से शहर होगा स्मार्ट: महापौर
-जन समस्याओं के समाधान के लिए 24 घंटे तत्पर है नगर निगम: नगर आयुक्त
-ड्यूटी से गायब रहने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की मनमानी पर लगेगी रोक
-गाजियाबाद 311 ऐप से होगी 66 प्रकार की समस्याएं निस्तारित

विजय मिश्र (उदय भूमि)
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर गाजियाबाद में नगर निगम की सुविधा हाईटेक और स्मार्ट हो रही है। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ऐसे ऐप को लांच किया गया है जिसके माध्यम से शहरवासी घर बैठे अपनी शिकायत को दर्ज कर सकेंगे और 24 घंटे के अंदर शिकायत का समाधान किया जाएगा। सोमवार को लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम ने गाजियाबाद-311 ऐप लॉन्च किया। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि गाजियाबाद-311 ऐप की मदद से शहरवासी कहीं से 66 प्रकार की शिकायतों को दर्ज करा सकेंगे। लोगों के शिकायतों के निस्तारण की भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी और उसका फीडबैक भी लोगों तक उपलब्ध कराया जाएगा। आखिर शहरवासी अब घर बैठे ही गाजियाबाद-311 ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज कर उनका 24 घंटे में निस्तारण करा सकेंगे। पहले अपने हर छोटे छोटे काम के लिए लोगो को नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते हैं। लोगों की परेशानियों को देखते हुए अब नगर निगम ने एक गाजियाबाद 311 ऐप लॉन्च किया है। गाजियाबाद-311 ऐप के जरिए 66 प्रकार की समस्याओं का निस्तारण हो सकेगा। इस ऐप के माध्यम से अब आम नागरिक नगर निगम की हर सेवा का लाभ एक क्लिक पर ले सकते हैं। यह ऐप नगर निगम और जनता के बीच एक सेतु का काम करेगा जिससे नगर निगम की विभिन्न सेवाओं का लाभ अब मोबाइल ऐप के माध्यम से मिलेगा। नगर निगम ने जलभराव, मलबा इक_ा होने, सड़कों पर गढ्ढे, कचरे फैलने, अनधिकृत निर्माण, पार्क में अवैध गतिविधि को रोकने, पेड़ गिरने समेत अन्य स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए नगर निगम ने गाजियाबाद 311 ऐप की शुरुआत कर दी है। लोग इसे गूगल प्ले स्टोर से जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। अब लोगों को अपनी समस्या के निस्तारण के लिए नगर निगम के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे।

गाजियाबाद 311 ऐप पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण का भी एक निर्धारित समय रहेगा। जिसमें जिस विभाग की जो समस्या रहेगी, उस विभाग तय समय में निस्तारण करना होगा। सोमवार को लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में शाम को पांच बजे गाजियाबाद-311 ऐप लॉन्च किया गया। महापौर सुनीता दयाल ने शहर विधायक अतुल गर्ग, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, सीडीओ अभिनव गोपाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, अपर नगर आयुक्त अरुण यादव, एचडीएफसी बैंक के जोनल हेड अक्षय कुमार दीक्षित, कर्नल टीपीएस त्यागी, सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल आदि की मौजूदगी में दीप प्रज्जवलित कर 311 ऐप को लॉन्च किया। वहीं, कार्यक्रम में उपस्थित सभी पार्षदों एवं शहर के लोगों के मोबाइल पर एप लोड कराया गया। महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि यह खुशी का अवसर है कि शहरवासियों की समस्याओं का समाधान 311 ऐप के माध्यम से निस्तारण हो सकेगा। महापौर ने इस पर नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह ऐप शहरवासियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। स्मार्ट वर्किंग से शहर भी स्मार्ट होगा।

महापौर ने कार्यक्रम के अंत में शपथ दिलाई कि हम भारत के नागरिक लोकतंत्र अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते है कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुर रखते हुए निर्भीक होकर धर्म वर्ग, जाति, समुदाय व अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचन में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मैं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा-रहूंगी और हर वर्ष 10 घंटे और हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान कर स्वच्छता के संपर्क को चरितार्थ करेंगे। मैं प्रत्येक घरों और प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कूड़े को सूखा व गीला अलग-अलग करके नगर निगम के वाहन में डालूंगा। मैं न गंदगी करूंगा और न किसी को करने दूंगा, मैं स्वयं चरितार्थ करेंगे। कूड़े को अलग-अलग करके निगम के वाहन में डालूंगा, मैं स्वयं मेरे परिवार,मेरे मोहल्ले, मेरे गांव व कार्यस्थल से स्वच्छता की शुरूआत करूंगा। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने गाजियाबाद-311 ऐप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छह माह पहले एचडीएफसी बैंक से संपर्क किया। देश के बड़े शहरों दिल्ली, इंदौर, अहमदाबाद, सूरत, लखनऊ व बनारस आदि 25 शहरों की तर्ज पर 311 ऐप चल रहा है। वह गाजियाबाद में भी लॉन्च किया जाए।

उन्होंने बताया कि नगर निगम का इस ऐप पर कोई धनराशि खर्च नहीं हुई हैं। सिंगल प्लेटफार्म शहर के लोगों के लिए यह 311 ऐप होगा। इसमें 66 तरह की शिकायत दर्ज करा सकेंगे। सिटीजन ऐप में सर्विस घर बैठे मिलेगी। इसमें जैसे स्ट्रीट लाइट नहीं जलने, अतिक्रमण, सड़क टूटने, फॉगिंग, सफाई, विलोपित कूड़ाघर आदि समस्याओं को निस्तारण होगा। इसके साथ ही लंबित समस्याओं को देख सकेंगे। हाउस टैक्स, यूजर चार्ज,कुत्तों के रजिस्ट्रेशन हो सकेेंगे। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी एप के जरिए बनवा सकेंगे। इसमें ई-लाइब्रेरी की सुविधा होगी। जैसे कोई किताब बच्चों के पास नहीं है तो वह ऐप के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे। इसके जरिए नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी। फेस के जरिए सेल्फी लेनी होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम नंबर-1 पर है। इसके लिए नगर निगम मुख्यालय के बेसमेंट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह चार पार्ट में बनाया गया है। 311 ऐप के जरिए मॉनिटरिंग होगी। नगर आयुक्त ने कहा कि शहर में कूड़े की समस्या का जल्द पूरी तरह से समाधान होगा। नगर निगम 350 नई गाड़ी जल्द खरीदेगा। इन्हें मिलाकर 675 कूड़ा गाड़ी निगम की हो जाएगी। 311 ऐप लॉन्च होने के बाद मंगलवार से यह कार्य करना शुरू कर देगा। इस एप से निगम की विभिन्न सेवाओं को जोड़ा गया है। इनमें उद्यान, डेयरी, पार्किंग, ट्रेड लाइसेंस, स्ट्रीट लाइट, म्यूटेशन, कैटल केचिंग, जलकल, निर्माण, अतिक्रमण, सीवर, हाउस टैक्स, आईटी आदि शामिल हैं। कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नहीं आने पर शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। पालतू कुत्तों का पंजीकरण भी ऐप के जरिए कराया जा सकेगा। एप के माध्यम से अपने आसपास नजदीकी शौचालय, सामुदायिक सुविधा केंद्र की जानकारी भी ली जा सकेगी। वहीं, नगर निगम के कर्मचारियों की हाजिरी भी ऐप के माध्यम से होगी। मोबाइल ऐप के माध्यम से ही अधिकारी और कर्मचारी हाजिरी लगाएंगे। इससे उनकी लोकेशन का आसानी से पता चल जाएगा। साथ ही, ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।

आमतौर पर पार्षदों की शिकायत रहती है कि खासकर फील्ड कर्मचारी मौजूद नहीं मिलते। ऐप के माध्यम से कचरे की शिकायत मिलते ही निगम की टीम पहुंचकर तत्काल निस्तारण करेगी। सड़कों पर कचरा फैलाने वालों की शिकायत भी आम नागरिक इस ऐप के माध्यम से कर सकेंगे। इससे शहर के सभी 100 वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही एप के जरिए किताबें, बर्तन एवं कोई भी सामग्री दान करने की भी सुविधा दी जाएगी। 311-ऐप के लिए नगर निगम मुख्यालय स्थित बेसमेंट में इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया है। सेफ सिटी के तहत कंट्रोल रूम में कैमरों को जोडऩे और प्रस्तावित आईटीएमएस योजना के तहत लगने वाले कैमरों की मदद से डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाली गाडिय़ों के अलावा शहर की सफाई व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जाएगी। ऐप पर आने वाली सफाई संबंधित शिकायतों का निस्तारण नियंत्रण कक्ष में बैठे कर्मचारी तत्काल कराएंगे।