अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बालिका उत्सव एव पुरस्कार समारोह का आयोजन

-महिला के बिना सृष्टि की कल्पना करना आसान नहीं: सुनीता दयाल

गाजियाबाद। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ई.एस.डी.ए.) दिल्ली, आईटीएस मोहन नगर गाजियाबाद एव डॉ. स्वर्ण चावला मेमोरियल फाउंडेशन दिल्ली ने संयुक्त रूप आई.टी.एस मोहन नगर में बालिका उत्सव (गर्ल्स फेस्ट) और पुरस्कार समारोह (महिला शक्ति पुरस्कार एव वुमन अचिवर अवार्ड) का आयोजन किया। कार्यक्रम मे महिलाओं के सशक्तिकरण, महिला अधिकार, लिंग असमानता एव अज्ञानतावश मासिक धर्म और महामारी से होने वाली बीमारियों पर गहन चर्चा की गई एव तथा देश की 42 महिलाओ को सम्मानित किया गया जो शिक्षा, स्वास्थ, राजनीति, प्रसाशन, समाज सेवा, खेल, पत्रकारिता, कॉरपोरेट आदि क्षेत्रों मे अपना परचम लहरा रही और महिलाओं के उत्थान एव सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम संयोजक एव ई.एस.डी.ए. के चेयरमैन डॉ जितेंद्र नागर ने अपने स्वागत भाषण मे बताया कि यह कार्यक्रम ई.एस.डी.ए. संस्था द्वारा 2005 से चलाए जा रहे बेटी बचाओ आंदोलन के उपलक्ष्य मे एवं सतत विकास लक्ष्य 5: लैंगिक समानता के प्रसार हेतु किया जा रहा है जो लैंगिक समानता हासिल करने और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए है जो 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित किया गया था।

लैंगिक समानता न केवल एक मौलिक मानव अधिकार है, बल्कि एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के लिए एक आवश्यक आधार है। बेटी बचाओ आंदोलन का मुख्य उद्देश्य लैंगिक असमानता को को समाप्त करना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, दहेज प्रथा को समाप्त करना एव महिलाओं को सशक्त करना है और उन्हे महिला अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज मे जागरूकता पैदा करते है और महिलाओं को शशक्त होने के लिए अग्रसर करते है। हमें हर रोज बेटी उत्सव मनाना चाहिए और बेटी बेटा मे कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमारी संस्कृति में महिलाओं को देवी तुल्य मानकर सम्मानित किया गया है। महिलाएं भी स्वयं पर महिला होने पर गर्व महसूस करें। महिला के बिना सृष्टि की कल्पना करना संभव नहीं है। महिला परिवार और समाज की धुरी है। हमारी संस्कृति महिलाओं को बढ़ावा देती है। उन्होंने गांव मे मासिक धर्म के लिए कपड़े की जगह पैड प्रयोग करने की जागरूकता बढ़ाने के लिए अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन का उदाहरण दिया और इस क्षेत्र मे अधिक कार्य करने पर जोर दिया। ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित एव पैड वुमैन से प्रसिद्ध सुमन ऑस्कर ने मुख्य वक्ता एव अतिथि के तौर पर कार्यक्रम मे शिरकत की।

उन्होंने बताया कि आज भी गावों मे महिला एव बच्चियों की स्थिति दयनीय है और कोई भी मासिक धर्म एव महावारी पर बात नहीं करना चाहता और वे अनेक जानलेवा बीमारियों से ग्रसित हो रही है। इसलिए, उन्होंने इस पर काम करने का फैसला किया। जब उन्होंने शुरुआत की तो उन्हें नफरत और परेशानी मिली, लेकिन धीरे-धीरे वह इस पर गंभीर हो गईं, फिर उन्होंने अपने घर में काठीखेड़ा गांव, हापुड में पैड बनाने की एक छोटी सी फैक्ट्री स्थापित की और वहां दो साल तक काम द्मद्बया। हमारी  कहानी से प्रेरित डॉक्यूमेंट्री पीरियड- एंड ऑफ सेंटेंस के बाद, जिसे प्यार से ऑस्कर वुमन कहा जाता है, ने 2019 में अकादमी पुरस्कार जीता। आईटीएस के निदेशक डॉ सुनील कुमार पांडे ने महिला सशक्तिकरण के लिए आदूनिक शिक्षा को मूल रूप से सभी बच्चियों तक पहुचाने पर जोर दिया क्योंकि शिक्षा ही आगे बढऩे एव भेदभाव मिटाने की चाबी है। बेटी के पिता होने पर गर्व करना चाहिए और कभी भी बेटी को बेटा कहकर नहीं पुकारना चाहिए। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी डॉ सीमा ने कहा कि आज सरकार ने बेटियों के लिए बहुत अवसर पैदा किए है लेकिन अज्ञानता की वजह से अधिकांश उनको प्राप्त नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आज सभी क्षेत्रों मे महिलाओं की उपस्थिति है लेकिन बहुत कम है जिसे अभी और बढ़ाने की जरूरत है।

डॉ स्वर्ण चावला फाउंडेशन के चेयरमैन एव चार्टेड अकाउंटेंट जे. पी. चावला ने कहा कि बैंकिंग एव फाइनेंस सेक्टर मे महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है। गलगोटिया विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के निदेशक राज सिह भाटी ने कहा हम सभी को मिलकर महिला उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए और समाज से भेदभाव को मिटाना चाहिए। ऑक्सफोर्ड पुब्लीच स्कूल ग्रेटर नोएडा की मैनेजिंग डायरेक्टर नूतन भाटी ने कहा कि हमे रोज है महिला दिवस मानना चाहिए और महिलाओ को बिल्कुल नहीं कम नहीं समझना चाहिए। आज ऐसा कोई काम नहीं है जिसे महिलाएं नहीं कर सकती है। कार्यक्रम मे सुनीता दयाल, सुमन ऑस्कर, डॉ सीमा पी.सी.एस., डॉ कविता खटाना, नूतन भाटी, डॉ रीना वर्मा, रीचा चावला आदि को महिला शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और पूजा सिह पी.सी.एस., डॉ अपर्णा शर्मा, डूसू महासचिव अपराजिता, लक्ष्मी त्यागी, मोनिका शर्मा, रुबीना खान, डॉ तरंग यादव, लता शर्मा, निशा ठाकुर पत्रकार, शेली सेठी, श्रेयता राज, रेनू भड़ाना, कविता सिद्धू एव अन्य 25 महिलाओं को वुमन अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया। शिव नाडर इंस्टिट्यूट आफ एमिनेंस ग्रेटर नोएडा की पोस्ट डाक्टरल फेलो डॉ कविता खटाना ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और डॉ मिलन यादव ने कुशल मंच संचालन किया। इंस्टीट्यूट की छात्राओ ने बेहद शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।