आईएएस अधिकारी नरेंद्र भूषण की सरकार ने प्रमुख सचिव के पद से की छुट्टी

-पांच आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल

लखनऊ। राज्य सरकार ने गुरुवार को पांच आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल किया है। सबसे चौंकाना वाले दो फेरबदल हुए हैं। पहला- प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग नरेंद्र भूषण को प्रतीक्षारत कर दिया है। बताते हैं कि इस पद पर आने के बाद से ही उनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार नाराजगी जताई जा रही है। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह के निर्देशों का पालन करने में वह लापरवाही बरत रहे थे। बताया जा रहा है कि उन्हें जल्द ही केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर जाना है। दरअसल, नरेंद्र भूषण उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को बढ़ाने के बजाए उसे ठंडे बस्ते में डालकर बैठ गए थे। जिन औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के चेयरमैन थे, वहां के कामकाज में रुकावट पैदा कर रहे थे। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच रही थी। पिछले माह हुई ट्रांसफर पोस्टिंग में नरेंद्र भूषण ने उद्योग विभाग में प्रमुख सचिव रहते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी से जिन दागी अफसरों को सरकार ने हटा दिया था, उन्हीं अधिकारियों को उन्होंने मलाईदार पद देकर वापस भेज दिया था।

जिसमें कई अधिकारी शामिल है, जिनके खिलाफ घपले, घोटालों और अनियमितताओं की जांच चल रही हैं। इतना ही नहीं, नरेंद्र भूषण ने इन अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच को भी ठंडे बस्ते में डलवा दिया था। उद्योग विभाग से पहले नरेंद्र भूषण लोक निर्माण विभाग में प्रमुख सचिव बनाए गए थे। वहां भी ट्रांसफर पोस्टिंग में बढ़ा बवाल हुआ था। ग्रेटर नोएडा में बतौर मुख्य कार्यपालक अधिकारी लंबे अरसे काम किया, इस दौरान उनकी कार्यप्रणाली को लेकर शहर के लोग काफी परेशान रहे। नरेंद्र भूषण के कार्यकाल के दौरान ग्रेटर नोएडा शहर अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा था। दूसरा तबादला एम देवराज को अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड और उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम, राज्य विद्युत उत्पादन निगम और पारेषण निगम से प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा के पद पर भेजा जाना है।

उन्हें पावर कार्पोरेशन की बागडोर नवंबर 2019 में मिली थी। उनकी सख्त कार्यप्रणाली को लेकर पावर कार्पोरेशन के कर्मियों में भय व्याप्त था। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे आशीष गोयल को अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड और उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम, राज्य विद्युत उत्पादन निगम और पारेषण निगम बनाया गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र से वापस भेजने जाने के बाद से ही माना जा रहा था कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कल्पना अवस्थी को अपर निदेशक प्राविधिक शिक्षा से हटाकर उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी ( उपाम) भेजा गया है। यह कम महत्व वाला पद है। यहां आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। अनिल सागर को प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं उद्योग विकास विभाग के साथ ही आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।