ग्रेनो में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए लागू हुआ ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप टू), नौ टीमें सक्रिय

-निर्माणाधीन क्षेत्रों का निरीक्षण और नियमों का पालन सुनिश्चित
-सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव और कूड़ा जलाने पर सख्त निगरानी
-निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण, संवेदनशील क्षेत्रों में प्रदूषण फैलने से रोका जा रहा

उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। शहर में वायु गुणवत्ता के लगातार बिगड़ते स्तर के चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप टू) लागू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर कड़ी नजर रखना और वायु गुणवत्ता को नियंत्रित रखना है। इसके तहत प्राधिकरण ने नौ टीमें गठित की हैं, जो शहर के आठ वर्क सर्किलों में सक्रिय रूप से निर्माणाधीन साइटों, संवेदनशील स्थानों और मुख्य सड़कों का निरीक्षण कर रही हैं। प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना ए.के. सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र में सबसे अधिक निर्माण कार्य चल रहे हैं और इसलिए यहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है। निर्माणाधीन साइटों पर धूल और धुएं के फैलने की संभावना अधिक होती है, इसलिए टीमें इन जगहों का लगातार निरीक्षण कर रही हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रोजेक्ट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
सड़कों पर पानी का छिड़काव भी नियमित रूप से किया जा रहा है, ताकि धूल को कम किया जा सके और नागरिकों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हो। खुले में कचरा जलाने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग करें और कचरा जलाने से बचें। स्वास्थ्य विभाग को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संवेदनशील क्षेत्रों और स्कूलों के आसपास निगरानी कर रही है, ताकि प्रदूषण से प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

निर्माण कंपनियों और साइट प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे धूल और धुएं को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन नेट और अन्य उपकरणों का उपयोग करें। दीवाली के त्योहारी मौसम के दौरान शहर में वायु गुणवत्ता और भी बिगड़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए ग्रेप टू के तहत कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी निर्माणाधीन साइटों पर धूल नियंत्रण उपकरणों का उपयोग अनिवार्य किया गया है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की नौ टीमें न केवल निर्माण क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं, बल्कि नागरिकों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चला रही हैं। प्रत्येक टीम अपने वर्क सर्किल में संवेदनशील क्षेत्रों, पार्कों और मुख्य सड़कों का निरीक्षण कर रही है।

सड़कों पर पानी का छिड़काव लगातार किया जा रहा है, ताकि धूल और प्रदूषण को कम किया जा सके। महाप्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और इसका उद्देश्य केवल नियमों का पालन करवाना नहीं है, बल्कि नागरिकों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है। निर्माण कंपनियों, साइट प्रबंधकों और नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग करें। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम शहर में प्रदूषण नियंत्रण और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अहम माना जा रहा है। शहर में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान भविष्य में और अधिक प्रभावी तरीके से चलाया जाएगा।

एके सिंह, महाप्रबंधक
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप टू) के तहत शहर में सभी निर्माणाधीन साइटों और संवेदनशील क्षेत्रों की निरंतर निगरानी की जा रही है। प्रत्येक वर्क सर्किल में गठित नौ टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं और नियमों का पालन सुनिश्चित कर रही हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव लगातार किया जा रहा है और खुले में कचरा जलाने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। दीवाली के बाद वायु गुणवत्ता और अधिक प्रभावित होती है, इसलिए सभी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स को ग्रीन नेट और अन्य धूल नियंत्रण उपकरणों का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों से भी अपील की कि वे प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग करें और स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहें।
ए.के. सिंह
महाप्रबंधक परियोजना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण