हरनंदीपुरम योजना चढ़ेगी परवान, 900 मीटर जमीन के बैनामे की शुरूआत

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की नवीन हरनंदीपुरम योजना अब परवान चढ़ सकेगी। इस योजना के लिए किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन के बैनामा कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के अथक प्रयास और जीडीए की इस महत्वाकांक्षी हरनंदीपुरम योजना को धरातल पर साकार करने के लिए अब कवायद तेज होना शुरू हो गई है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि हरनंदीपुरम योजना के लिए जिन गांवों की जमीन खरीदी जानी है। वह किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन खरीदने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बुधवार को हरनंदीपुरम योजना के लिए जीडीए की ओर से ग्राम मकरमतपुर-सिकरोड़ की लगभग 900 वर्गमीटर जमीन का आपसी सहमति के आधार पर बैनामे की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई। गांव सिकरोड़ की 900 मीटर भाग की भूमि सड़क का निर्माण करने के लिए किसानों से आपसी समझौते के आधार पर खरीदने के लिए स्वीकृति प्राप्त हो चुकी हैं।

यह सड़क राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में 45 मीटर चौड़ी अजनारा से ग्राम मकरमतपुर-सिकरोड़ होते हुए मोरटा से आगे दिल्ली-मेरठ रोड को जोड़ती है। वहीं,नूरनगर में 45 मीटर चौड़ी सड़क का जीडीए द्वारा निर्माण कराया जा चुका है। इसके बाद गांव मकरमतपुर सिकरोड़ की 900 मीटर भाग तथा मोरटा का 2100 मीटर जमीन का भाग शामिल हैं। इसके लिए जीडीए में किसान उपस्थित होकर अपने-अपने खसरा संख्या समेत अभिलेख उपलब्ध कराएं। इस सड़क का निर्माण होने से राजनगर एक्टेंशन की मुख्य बंधा मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इससे आमजन को जाम की समस्या से भी निजात मिल सकेगी। 45 मीटर चौड़ी रोड में एलाइनमेंट की आ रही परेशानी को भी जीडीए द्वारा दूर किया गया है।

इसके साथ ही इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन ट्रांसपोर्ट से इसकी पुन:नियोजन कराकर भविष्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए फ्यूचरस्टिक सॉल्यूशन निकालते हुए एलाइनमेंट को भी ठीक किया गया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि हरनंदीपुरम योजना को विकसित करना प्राथमिकता में है। इसलिए किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीनों का बैनामा कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 45 मीटर चौड़ी रोड के लिए यह जमीन आपसी सहमति से खरीदी जाएगी। इससे हरनंदीपुरम योजना के मार्ग के लिए जमीन मिलने से इसका लाभ मिलेगा।