हाथरस केस : हाईकोर्ट में सुनवाई, सरकार को फटकार

पीड़ित परिवार ने कोर्ट के समक्ष सुनाई दास्तां

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को चर्चित हाथरस गैंगरेप एवं हत्या केस की सुनवाई हुई। सुनवाई के दरम्यान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। पीड़ित पक्ष की सहमति के बगैर रात में शव का अंतिम संस्कार करने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। इस केस की अगली सुनवाई अब 2 नवम्बर को होगी। उप्र के हाथरस जनपद में गत 14 सितम्बर को दलित युवती के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी। गंभीर रूप से घायल पीड़ित ने 29 सितम्बर को दिल्ली के सफरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को इस केस की सुनवाई हुई। ऐसे में पीड़ित परिवार के अलावा यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एच.सी. अवस्थी के अलावा हाथरस के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। केस की अगली सुनवाई 2 नवंबर को तय की गई है। हाथरस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त महाधिवक्ता वी.के. शाही ने किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है। सरकार के उच्चाधिकारियों से भी कोर्ट ने पूछताछ की। मामला अभी विचाराधीन है। इसके पहले पीड़ित के माता-पिता सहित 5 परिजन हाथरस से लखनऊ पहुंचे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को एक अक्तूबर को तलब किया था। बता दें कि हाथरस कांड ने योगी सरकार की मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकार भी तरह-तरह के तर्क देकर अपना बचाव करती दिखाई दे रही है। इस केस की सीबीआई जांच भी शुरू हो गई है। सीबीआई ने विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विवेचना आरंभ की है।