संकेत : चीन को पीछे छोड़ेगी इंडियन इकॉनोमी

वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष हेतु जीडीपी का अनुमान .7.7 फीसदी लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी ग्रोथ चीन से भी अधिक रहने की संभावना जताई गई है। यानि चीन को भारत पीछे छोड़ देगा। आर्थिक विकास की रफ्तार में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। हेल्थ केयर सेक्टर पर सभी की नजरें होंगी। खुदरा महंगाई दर में सुधार होने से आपूर्ति साइड पर दबाव घटा है। इससे खाद्य महंगाई दर प्रभावित हो रही थी। हेल्थ केयर सेक्टर को आकार देने में सरकार तत्परता दिखाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष हेतु जीडीपी ग्रोथ का अनुमान इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि इससे जानकारी मिलती है कि सरकार को किस गति से अर्थव्यवस्था के सुधरने की उम्मीद है। सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था का रोडमैप भी है। इसके अलावा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए कई बातों पर खास ध्यान दिया गया है। वित्त वर्ष-2022 में सकारात्मक ग्रोथ की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021 में सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निगेटिव ज़ोन में रहा है। वित्त वर्ष 2022 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 11 प्रतिशत पर रखा गया है। वित्त वर्ष 2022 में नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 15.4 प्रतिशत पर रखा गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यायल ने एडवांस आंकलन में कहा है कि 2020-21 के लिए आर्थिक ग्रोथ .7.7 प्रतिशत रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 11.5 प्रतिशत होगी। 2022 में यह 6.8 फीसदी के आस-पास रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में रिकवरी देखने को मिलेगी। कोरोना काल में धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था अब गति पकड़ रही है। बता दें कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है।