यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में किसानों की बल्ले-बल्ले उद्यमियों को मिला तोहफा ओटीएस सहित औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति पर लगी मुहर प्राधिकरण ने कमाई का बनाया रिकार्ड बैठक में रखे गये 66 प्रस्ताव

यमुना प्राधिकरण की 78वीं बोर्ड बैठक में ओटीएस स्कीम के साथ ही उद्यमियों के भूखंड आवंटन नीति को भी बोर्ड ने पास किया। भूखंड आवंटन नीति वास्तविक निवेशकों को प्रोत्साहित और भूखंड आवंटन नीति वास्तविक निवेशकों को प्रोत्साहित और सिर्फ लैंड बैंक बनाने की सोच रखने वाले निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला है। इस प्रस्ताव के पास होने से उद्यमियों को काफी फायदा होगा। औद्योगिक भूखंडों की अब नीलामी नहीं होगी। इंटरव्यू और डीपीआर के आधार पर उद्यमियों को औद्योगिक निवेश के लिए भूखंड आवंटित होंगे। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल कुमार सागर की अध्यक्षता और सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की उपस्थिति में हुई बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के एसीओ संजय खत्री, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली, यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र सिंह, स्टॉफ ऑफिसर नंद किशोर सुंदरियाल, जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह, जीएम फाइनेंस विष्मभर बाबू, जीएम प्लानिंग नीलू सहगल, टाउन प्लानर एससी गौड़, एडीएम बलराम सिंह  सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 78वीं बोर्ड बैठक किसान, उद्यमी और आवंटियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। बैठक में 66 प्रस्ताव रखे गये और विस्तृत चर्चा के बाद इन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। कई प्रस्ताव ऐसे थे जिन्हें बोर्ड की स्वीकृति के बाद शासन को भेजा जाएगा। बैठक में किसानों के हितों से संबंधित सभी प्रस्तावों पर बोर्ड ने स्वीकृति दे दी। किसानों को बढ़े हुए दर से मुआवजा मिलने के अलावा, लीज बैक, गांवों में डेवलपमेंट से जुड़े कार्य, लाइब्रेरी का निर्माण सहित अन्य प्रस्ताव पर सहमति दी गई। ओटीएस स्कीम के साथ ही उद्यमियों के भूखंड आवंटन नीति को भी बोर्ड ने पास किया। भूखंड आवंटन नीति वास्तविक निवेशकों को प्रोत्साहित और सिर्फ लैंड बैंक बनाने वाले निवेशकों को हतोत्साहित करने वाली है। इस प्रस्ताव के पास होने से उद्यमियों को काफी फायदा होगा। औद्योगिक भूखंडों की अब नीलामी नहीं होगी। इंटरव्यू और डीपीआर के आधार पर उद्यमियों को औद्योगिक निवेश के लिए भूखंड आवंटित होंगे। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल कुमार सागर की अध्यक्षता और सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की उपस्थिति में हुई बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के एसीओ संजय खत्री, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली, यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र सिंह, स्टॉफ ऑफिसर नंद किशोर सुंदरियाल, जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह, जीएम फाइनेंस विष्मभर बाबू, जीएम प्लानिंग नीलू सहगल, टाउन प्लानर एससी गौड़, एडीएम बलराम सिंह  सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक निवेश काफी तेजी से बढ़ रहा है। उद्यमियों द्वारा भूखंड आवंटन के लिए नीलामी प्रकिया पर रोक लगाकर इंटरव्यू के आधार पर भखूंडों के आवंटन की मांग लगातार की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति में बदलाव किया है। प्राधिकरण बोर्ड ने औद्योगिक भूखंड आवंटन में अब नीलामी की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है और पुरानी प्रक्रिया को बहाल कर दिया है। 4000 वर्गमीटर से बड़े भूखंड का आवंटन अब इंटरव्यू के जरिये होगा। इंटरव्यू में छह वस्तुनिष्ठ मानक के मूल्यांकन शामिल किए गए है। जिसमें रोजगार, कंपनी के क्रियाशील, उत्पादन, स्टेट टैक्स, सीएसआर खर्च, लोकल इकोनामी को बढ़ाने से संबंधित जानकारी को डीपीआर में शामिल करना होगा। यह सभी बातें भूखंड आवंटन पत्र में भी शामिल रहेंगी।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि शत् प्रतिशत् एफडीआई वाले, ईटी 200 व फार्च्यून 500 कंपनी में सूची में शामिल कंपनियों को भूखंड आवंटन में तरजीह मिलेगी। इन कंपनियों को इंटरव्यू के दौरान 25 अतिरिक्त अंक दिये दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने ओद्योगिक निवेष जुटाने के लिए फरवरी में लखनउ में ग्लोबल इंवेस्टर्स का आयोजन किया था। इसमें 33.50 लाख करोड़ रुपए के निवेष अनुबंध किए थे। यमुना प्राधिकरण ने इंवेस्टर्स समिट में 1.79 लाख करोड़ के 152 निवेश अनुबंध किए थे। यमुना प्राधिकरण द्वारा फास्ट ट्रैक के आधार पर औद्योगिक भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा।

बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति बनने के बाद प्राधिकरण अगले सप्ताह डाटा सेंंटर, औद्योगिक, मिक्स लैंड यूज की योजना लाएगा। सीईओ ने बताया कि डाटा सेंटर पार्क के लिए भूखंड आवंटन में प्राधिकरण ने ग्रेटर और नोएडा प्राधिकरण नीति को अपनाया है। सीईओ ने बताया कि डाटा पार्क के लिए पहले योजना निकाली थी। आवंटन शर्त भी बदलाव किया गया। पहले डाटा पार्क में जो दो आवेदन आए थे अब उन्हे दोबारा आवेदन करना होगा।

संस्थागत भूखंड आवंटन नीति में बदलाव
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण बोर्ड ने संस्थागत भूखंड आवंटन नीति में बदलाव किया है। विश्वविद्यालय, मिल्क बूथ, सब्जी बूथ, धार्मिक स्थल, को नीलामी से भूखंड आवंटन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल, अस्पताल, नर्सिग होम, कारपोरेट आफिस, सीनियन सेकेंडरी स्कूल, इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज को नीलामी के माध्यम से भूखंड आवंटित किया जाएगा।  आनाथालय, वृद्धा आश्राम, विधवा आश्राम के लिए भूखंड आवंटन को लेकर स्टीड कराया जाएगा। इसके बाद भूखंड आवंटित किया जाएगा।