नायल सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की पहल एयरपोर्ट इंटीग्रेटेड प्लान पर काम शुरू तकनीकी और डिजाइन में भी नोएडा एयरपोर्ट होगा नंबर 1

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा एविएशन हब को इंटीग्रेटेड रूप में विकसित किया जा रहा है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीईओ ने इसकी कार्ययोजना को बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक मास्टर प्लान बनेगा। परियोजना के छह रनवे आपस में जुड़ेंगे, पूरी परियोजना का एक मास्टर प्लान होगा

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने एविएशन हब को इंटीग्रेटेड रूप में विकसित करेंगे। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीईओ ने इसकी कार्ययोजना को बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक मास्टर प्लान बनेगा। इस मुद‘दे को लेकर नायल ने बुधवार को विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि के साथ बैठक की। परियोजना के दूसरे चरण में एमआरओ और एविएशन हब विकसित किया जाएगा। इसके लिए मार्च में विकासकर्ता के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एविएशन हब के लिए 6200 हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। नायल पूरी परियोजना को एकीकृत रूप में विकसित करेगा। परियोजना का एक मास्टर प्लान बनेगा। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण में बुधवार को नायल ने एयरपोर्ट को विकसित करने वाली यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि के साथ बैठक की। इसमें एमआरओ और एविएशन हब को एकीकृत करने पर चर्चा की गई। एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे, दूसरे में एमआरओ व एक रनवे, तीसरे व चौथे चरण में तीन रनवे बनाए जाने हैं। हर चरण में अलग-अलग कंपनी आ सकती हैं। इसलिए परियोजना को आपस में जोड़ा जाएगा ताकि भविष्य में दिक्कत ना हो।

जेवर एयरपोर्ट परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाना है। 1334 हेक्टेयर में पहला चरण यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि कंपनी विकसित कर रही है। अब 1365 हेक्टेयर में दूसरे चरण को विकसित किया जाएगा। इसमें मेंटीनेंस रिपयेरिंग एंड ओवरहालिंग (एमआरओ) एवं एविएशन हब विकसित किया जाएगा। एमआरओ के लिए एक रनवे बनाया जाएगा। ताकि यहां मरम्मत के लिए विमान आ सकें। इसके लिए करीब 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जबकि बाकी हिस्से में विमानन से जुड़ी कंपनियां अपनी इकाई लगाएंगी। दूसरे चरण की जमीन के अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। अब नायल ने इसके लिए विकासकर्ता कंपनी का चयन करने की तैयारी में है। परियोजना के दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर में मेंटीनेंस रिपयेरिंग एंड ओवरहालिंग एवं एविएशन हब विकसित किया जाएगा। एमआरओ के लिए एक रनवे बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। जबकि बाकी हिस्से में विमानन से जुड़ी कंपनियां अपनी इकाई लगाएंगी। इसमें कंपनियों को जमीन आवंटित की जाएगी। दूसरे चरण की जमीन के अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। नायल ने मार्च तक एविएशन हब और एमआरओ के लिए विकासकर्ता कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर देगा।

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसमें सीएसआर कमेटी के गठन, इंटरनल ऑडिट के लिए एजेंसी के चयन आदि पर मुहर लग गई। बैठक में सीईओ डॉ. अरुणवीर समेत बोर्ड के सभी अधिकारी शामिल हुए। इसमें सीएसआर के लिए कमेटी गठित की गई। इसमें नायल के सीईओ, सिविल एविएशन के निदेशक और वित्त से जुड़े अधिकारी का रखा गया है। नायल अपनी आमदनी में से दो से पांच प्रतिशत तक पैसा सीएसआर में खर्च करेगी। इसके अलावा इंटरनल ऑडिट के लिए कमेटी गठित करने पर मुहर लग गई। अब एचआर का भी काम शुरू होगा। नायल करीब 70 लोगों की नियुक्ति करेगा। वहीं, सीएजी ने इस साल एमजीआरए एसोसिएट से ऑडिट कराने के लिए कहा है।