किसान आंदोलन : विज्ञान भवन में वार्ता शुरू

7वें दौर की बातचीत से दोनों पक्ष आशान्वित

नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शुरू हो गई है। यह 7वें दौर की बातचीत चल रही है। बातचीत को लेकर दोनों पक्ष काफी आशान्वित नजर आ रहे हैं। उम्मीद है कि पिछले 40 दिनों से जारी विवाद का पटाक्षेप हो सकेगा। वार्ता विफल रहने की स्थिति में किसानों ने आंदोलन से पीछे न हटने का ऐलान कर दिया है। नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 40 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। सरकार के आमंत्रण पर किसान आज 7वें दौर की वार्ता के लिए विज्ञान भवन पहुंचे हैं। वहां केंद्र सरकार की तरफ से 3 मंत्रियों के साथ वार्ता हो रही है। किसान निरंतर नए कानूनों को वापस लेने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सरकार ने मांगे नहीं मानी तो आंदोलन समाप्त नहीं होगा। जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी और तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक किसान कहीं नहीं जाएंगे। चाहे सरकार कोई भी समिति गठित कर ले। उधर, भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को विचार कर किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए। सोनिया गांधी अपना ओपिनियन दे सकती हैं, मगर यह आंदोलन किसानों का है और किसान ही जीतेगा। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के मध्य 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता हुई थी। लगभग 5 घंटे चली बैठक में विद्युत दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने हेतु कुछ सहमति बनी, मगर 2 बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा। किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।