राहत : संकट से बाहर निकला लक्ष्मी विलास बैंक

डीबीसी बैंक इंडिया लि. के साथ विलय को मंजूरी

नई दिल्ली। लक्ष्मी विलास बैंक को संकट से उबारने के प्रयास रंग लाए हैं। लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लि. के साथ विलय हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा को भी हटा लिया गया है। इससे जमाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लि. के साथ विलय का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूर कर लिया है। ऐसे में लक्ष्मी विलास बैंक के लगभग 20 लाख जमाकर्ताओं और 4 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। लक्ष्मी विलास बैंक से जुड़े मामले का समाधान इसके जमाकर्ताओं और कर्मचारियों के वित्तीय हितों की रक्षा के साथ स्वच्छ बैंकिंग प्रणाली हेतु सरकार की मंशा को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 6 हजार करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दी है। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडलीय समिति ने एटीसी टेलीकॉम कंपनी के करीब 12 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए एटीसी एशिया पैसिफिक के 2.480 करोड़ रुपये के एफडीआई प्रस्ताव को को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। बता दें कि लक्ष्मी विकास बैंक काफी समय से संकट के दौर से गुजर रहा था। बैंक के डूबने की आशंका ने जमाकर्ताओं और कर्मचारियों की नींद उड़ा रखी थी। जमाकर्ताओं को अपना पैसा डूबने और कर्मचारियों को बेरोजगार होने की चिंता सता रही थी। बैंक की बिगड़ती माली हालत को देखकर निकासी सीमा भी निर्धारित कर दी गई थी। इससे जमाकर्ताओं की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई थी। इस दरम्यान केंद्र सरकार ने आगे आकर लक्ष्मी विकास बैंक को उबारने की कोशिशें शुरू की। इन कोशिशों को अब जाकर कामयाबी मिल गई है। इससे जमाकर्ता प्रसन्न नजर आ रहे हैं।