कैंसर मरीजों के लिए आशा की किरण बनी नवीनतम तकनीकी हाइपर्थर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी

-8 घंटे तक चली सर्जरी में महिला के ओवेरियन कैंसर का सफल इलाज कर दिया नया जीवनदान

गाजियाबाद। कैंसर, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, हर साल इसके कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि वैज्ञानिक कैंसर के उपचार को लेकर लगातार प्रयासरत हैं और नए उपचार तरीकों को लेकर शोध कर रहे हैं। इन्हीं सबके बीच यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी की डॉ सीमा सिंह, सीनियर कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, ब्रेस्ट ओंको एन्ड गाइनी ओंको डिवीजन ने कैंसर से पीड़ित महिला की 8 घंटे चली इस सर्जरी से नया जीवनदान मिला है। सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर उपासना अरोड़ा ने बताया कि मरीज के जटिल कैंसर का नवीनतम तकनीकी- ओंको सर्जरी एवं हाइपर्थर्मिक विधि से इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी देकर इलाज कर जान बचाई गई है। डॉ उपासना ने समस्त डॉक्टर एवं टीम को इस के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि अब कौशांबी के यशोदा हॉस्पिटल में विश्व स्तरीय कैंसर एवं अन्य बीमारियों की सुविधा उपलब्ध हो गई है। 8 घंटे चली इस सर्जरी को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गिनी चुनी बार ही सफलतापूर्वक किया गया है। इस विधि से लंबे समय तक कैंसर वापस नहीं आता। डॉ सीमा सिंह ने बताया कि दिल्ली की रहने वाली महिला को 3 महीने पहले पेट फूलना, दस्त लगना, एवं खाना खाने की इच्छा ना होना जैसे लक्षण प्रारंभ हुए। यह महिला यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी में अपने जांच एवं इलाज के लिए आई जहां पर उसका सीटी स्कैन एवं पेट स्कैन करके एवं रक्त की कुछ कैंसर की जांचों को करके देखा गया तो पाया गया कि इस महिला को एडवांस्ड थर्ड स्टेज का कैंसर है। ट्यूमर पूरे पेट में फैला हुआ था।

ऐसे में डॉक्टरों ने यह निर्णय लिया कि पूरे पेट में फैले ट्यूमर को सर्जरी कर निकाला जाए और साथ में कीमोथेरेपी दी जाए। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके पेट में फैले पूरे ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया और उसके बाद मशीन से हाइपर्थर्मिक कंडीशन में इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी दी गई डॉ सीमा सिंह ने बताया है इस विधि से मरीज को लंबे समय तक कैंसर वापस नहीं आता और साथ ही साथ मरीज के सही होने की दर भी बढ़ जाती है। 3 अक्टूबर को यह मरीज अस्पताल में भर्ती हुई थी, जिसे 12 अक्टूबर को स्टेबल कंडीशन में डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला का सकुशल उपचार होने पर परिजनों ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी।