राजस्थान की शराब बिहार में करनी थी सप्लाई, कार में लेकर जा रहें थे दो लाख की शराब

-बिहार में शराब तस्करी के लिए कमाते थे 80 हजार से 1 लाख रुपए, समेत दो गिरफ्तार

गाजियाबाद। हरियाणा से शराब लेकर बिहार जा रहे 2 अन्तर्राज्जीय तस्करों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी शातिर किस्म के है, जो कि हरियाणा से शराब गाड़ी में भरकर बिहार में सप्लाई करते थे। शराब तस्करी के लिए आरोपी 80 हजार रुपए भाड़े से अतिरिक्त लेते थे। पुलिस को शक न हो इसके लिए तस्करों ने राजस्थान की कार में नोएडा यूपी का नंबर लगाया हुआ था। बिहार में शराब बंदी का फायदा लेने के लिए आरोपी हरियाणा से शराब लेकर बिहार में सप्लाई करते थे।

एडीसीपी क्राइम ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात मुखबिर से सूचना मिली की एक काले रंग की एसएक्स 04 कार राजस्थान से शराब तस्करी करके अवैध शराब लेकर डायमण्ड फ्लाईओवर से जाने वाले है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए टीम को लगाया गया। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने कविनगर पुलिस के साथ आरटीओ आफिस चौराहे के पास कार को पकड़ लिया। पुलिस को देख तस्कर सकपका गए। पुलिस ने जब कार की जांच की तो 2 लाख रूपये कीमत की राजस्थान निर्मित करीब 50 पेटी (2352 पव्वे) ट्रिपल एक्स रम बरामद किया गया। कार का नंबर चैक किया गया तो वह फर्जी पाया गया। तस्करों ने कार पर नंबर नोएडा जनपद का लगाया हुआ था। जबकि बरामद कार राजस्थान राज्य की थी।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी अकबर खान पुत्र असगर खान निवासी मेमला महाराजपुर एनआईटी फरीदाबाद हरियाणा, आकाश पुत्र स्व रंजन श्रीवास्तव निवासी एसजीएम नगर फरीदाबाद हरियाणा के निवासी है, जो कि मूलरुप से बिहार के रहने वाले है। आरोपियों ने यह कार राजस्थान से नरेश पुत्र अमर सिंह निवासी रेवाडी हरियाणा से शराब लेकर बिहार में तस्करी करते हैं। बरामद कार भी नरेश ने ही तस्करी के लिए दी थी। कार पर जिस राज्य में जाते, उस राज्य का फर्जी नम्बर प्लेट उस पर लगा लेते थे।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी शातिर किस्म के है। जो कि राजस्थान से शराब लेकर बिहार में सप्लाई करते थे। शराब लेकर जिस राज्य में पहुंचते, तत्काल उस राज्य का नंबर कार में पर लगा लेते थे। आरोपी एक बार में 50 पेटी लेकर जाते थे। जिसमें करीब उन्हें एक बार में 80 हजार से 1 लाख रुपए की बचत होती थी। क्योंकि बिहार में शराब बंदी है और अवैध शराब मंहगी भी है। जिसका यह फायदा लेते थे। आरोपी पिछले कई वर्षों से लगातार शराब तस्करी का कारोबार कर रहें थे। जिनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।