नोएडा एयरपोर्ट : सरकार का भरेगा खजाना नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण होगा मालामाल दुनियां के चौंथे नंबर के एयरपोर्ट से सालाना होगी 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपये की कमाई

नोएडा एयरपोर्ट से सालाना 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपये की बंपर कमाई होगी और आगे कमाई का ग्राफ बढ़ता ही जाएगा। कम समय में तेजी से एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर काम करने का श्रेय नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नियाल) और यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को जाता है। डॉ. अरुणवीर सिंह के कठिन परिश्रम और योजनाबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कामों को पूरा करने की प्रतिबद्धता का नतीजा है कि इतने कम समय में नोएडा एयरपोर्ट से कार्गों और कामर्शियल विमानों का परिचालन शुरू होने जा रहा है।
विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। देश दुनियां में उत्तर प्रदेश की शान बढ़ाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। अगले साल से एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। देश का सबसे बड़ा और दुनियां के चौंथे नंबर के नोएडा एयरपोर्ट कमाई के मामले में भी रिकार्ड बनाएगा। एयरपोर्ट से जहां उत्तर प्रदेश सरकार का खजाना भरेगा, वहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की भी बंपर कमाई होगी। अनुमान है कि नोएडा एयरपोर्ट से सालाना 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपये की बंपर कमाई होगी और आगे कमाई का ग्राफ बढ़ता ही जाएगा। कम समय में तेजी से एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर काम करने का श्रेय नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नियाल) और यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को जाता है। डॉ. अरुणवीर सिंह के कठिन परिश्रम और योजनाबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कामों को पूरा करने की प्रतिबद्धता का नतीजा है कि इतने कम समय में नोएडा एयरपोर्ट से कार्गों और कामर्शियल विमानों का परिचालन शुरू होने जा रहा है।
जेवर में बन रहा नोएडा एयरपोर्ट भारत के साथ-साथ एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यही वजह है कि इस एयरपोर्ट से काफी अपेक्षाएं हैं। इस एयरपोर्ट से सरकार को बढ़िया कमाई होने वाली है। इस एयरपोर्ट से सरकार की कमाई दिल्ली और मुंबई की अपेक्षा ज्यादा होगी। इस कमाई की वजह से यात्रियों की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। अलबत्ता नोएडा एयरपोर्ट से विमानों का किराया भी कम होगा। दिल्ली-मुंबई सरीखे एयरपोर्ट पर फ्यूल पर वैट की दर 25 फीसद तक है वहीं नोएडा एयरपोर्ट पर फ्यूल पर वैट 1 फीसद होगा। इसका सीधा लाभ आम हवाई यात्रियों को मिलेगा। नोएडा एयरपोर्ट पर टिकट की दरें कम होने के कारण यहां यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। इसका सीधा लाभ एयरपोर्ट की कमाई पर होगा और सरकार का खजाना भरेगा।
अनुमान है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) को एक साल में 1.04 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें हर साल पांच प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। इसमें सरकार और तीनों प्राधिकरण को अंशधारिता के हिसाब से पैसा मिलेगा। दरअसल जेवर में नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सरकार ने जो कंपनी बनाई है उसमें प्रदेश सरकार के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना की भी हिस्सेदारी है। सरकार व नोएडा प्राधिकरण की हिस्सेदारी 37.5-37.5 प्रतिशत है। जबकि ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। लाभांश में भी सभी अंशधारकों को इसी अनुपात में हिस्सा मिलेगा। एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी कंपनी का चयन किया गया। अनुबंध के अनुसार, विकासकर्ता कंपनी नियाल को प्रति यात्री 400.97 रुपये का भुगतान करेगी। यह पैसा संचालन के छठे वर्ष बाद से मिलना शुरू होगा। यानी संचालन शुरू होने के छठे साल 1.04 लाख करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है। सातवें वर्ष से कमाई में 5 फीसद की बढ़ोत्तरी का भी अनुमान है।
5 करोड़ तक पहुंचेगी यात्रियों की संख्या
नोएडा एयरपोर्ट से हवाई उड़ान शुरू होने के बाद से यहां यात्रियों की संख्या में 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक का ग्रोथ होने की संभावना है। पांच साल बाद पैसेंजर ग्रोथ 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। इसके चलते यहां आने वाले यात्रियों क संख्या 30 मिलियन यानी 3 करोड़ के आसपास पहुंच जाएगी। लगभग पांच से छह साल बाद एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5 करोड़ तक पहुंच सकती है।
जेवर में होगा एशिया का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर
नोएडा एयरपोर्ट पर एशिया का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर बनेगा। यहां पर ना सिर्फ भारत बल्कि एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अधिकांश देशों के विमानों की मरम्मत होगी। इससे जहां सरकार को राजस्व मिलेगा वहीं यमुना सिटी क्षेत्र में लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। एमआरओ के लिए अलग से एक रनवे बनेगा। देश में अभी कोई बड़ा एमआरओ सेंटर नहीं है जहां पर विमानों की पूरी मरम्मत हो सके। भारत में एविएशन सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है लेकिन विमानों के रखरखाव एवं मेंटीनेंस वर्क के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं। ऐसे में एयरपोर्ट के साथ-साथ एमआरओ से भी कमाई होगी।