दिव्यांग बच्चों को नई पहचान देने में मदद कर रही संस्था पहचान

-डाउन सिंड्रोम बच्चों के लिए फैशन शो, रैंप वॉक, डांस व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

गौतमबुद्ध नगर। डाउन सिंड्रोम डे के अवसर पर पहचान संस्था द्वारा नोएडा के सेक्टर- गामा में शुक्रवार को संचालित स्पेशल स्कूल पहचान में विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डाउन सिंड्रोम बच्चों के लिए फैशन शो, रैंप वॉक, डांस व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व अपने हुनर को लोगों के सामने पेश किया। इस अवसर पर पहचान संस्था द्वारा बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मेडिकल कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. अरविंद गर्ग और डॉ. गोपाल की टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें स्वस्थ रहने के तरीके भी बताएं।

साथ ही साथ समाज में डाउन सिंड्रोम के प्रति लोगों को जागरूक भी किया। मेडिकल कैंप में डेंटिस्ट डॉ. संचित पाल द्वारा बच्चों के ओरल हेल्थ की जांच और इससे संबंधित सावधानी के बारे में बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में छात्र अभिषेक, नवांश, यश, रिशु, गौरव, राजा, अरव, आर्जव, जयंत, कृष्णा, हनी, शानू, रुद्राक्ष, प्रतुष और छात्रा मिष्ठी ने अलग अलग प्रतियोगिता में भाग लिया। भागीरथ सेवा संस्थान गाजियाबाद के डायरेक्टर अमिताभ सुकुल ने कार्यक्रम में विशिष्ट अथिति के रूप में शिरकत की। संस्था के विशेष शिक्षक, शिक्षिकाओं व अभिभावकों को संबोधित करते हुए सुकुल ने कहा, दिव्यांगता व विशेष शिक्षा के क्षेत्र काम के अपने 22 वर्षों के अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में कोई न कोई विशिष्ट गुण अवश्य होते हैं, बस हमें उसे पहचाने व संवारने का कार्य करना है।

जिससे ऐसे बच्चे भी समाज में अपनी अलग पहचान बना सके। पहचान संस्था अपने नाम के अनुरूप ही इन बच्चों की क्षमता को निखार कर बच्चों को समाज में पहचान दिला रहा है। पहचान की प्रिंसिपल गीता तिवारी ने पहचान संस्था द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पहचान संस्था द्वारा डाउन सिंड्रोम, ऑटिज्म, लर्निंग डिसेबिलिटी व बौद्धिक रूप से अक्षम बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल का संचालन किया जा रहा हैं। जिसमे इन बच्चों की जरूरतों के अनुसार शिक्षा के साथ-साथ अन्य सुविधाएं जैसे स्पीच थेरेपी, फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जाती हैं। इस ख़ास मकसद में बच्चों के ट्रेनर सीमा, चंचल, शिल्पी, राखी, आकाश के साथ साथ पहचान की पूरी टीम की मेहनत शामिल है।