उद्यमियों और बैंकर्स की बैठक में फाइनेंस से जुड़ी समस्याओं पर हुई चर्चा

-उद्यमियों ने आरबीआई महाप्रबंधक को गिनाई समस्या
-नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने के बाद भी खाते से काट लिए लाखों रुपए

गाजियाबाद। लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, लखनऊ द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित विषयों पर टाउन हॉल मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक की महाप्रबंधक सोनाली दास ने की। जिसमें इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न बैंकों के मुख्य महाप्रबंधक वरिष्ठ अधिकारियों व जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, आईआईए के चेयरमैन राकेश अनेजा, उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान इत्यादि उपस्थित रहे।

आईआईए अध्यक्ष ने एमएसएमई से सम्बंधित विभिन्न समस्याएं, नीतिगत सुझाव बैठक में प्रस्तुत किए गए। उन्होंने बताया मार्च 2021 में नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किया गया था। उसके उपरांत अप्रैल 2021 में 2 लाख 87 हजार 346 रुपए कंपनी के दुसरे खाते से वसूल कर लिया गया। जबकि बैंक द्वारा पूर्व में ही नो ड्यूज सर्टिफिकेट कर दिया गया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से संबंधित- इकाई मेसर्स सविता बैकर्स से प्री-क्लोजर चार्ज वसूल करने की समस्या। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से संबंधित- इकाई मेसर्स जय ईएसएस सडल्स प्रा लिमिटेड से ऋण राशी जमा करने के बावजूद बैंक द्वारा मूल लीज डीड रजिस्ट्री कागजात जारी न करने की समस्या करने की समस्या। इंडियन ओवरसीज बैंक से सम्बंधित इकाई मैसर्स पावर ट्रांसफार्मर टेक्नोलॉजीज मेरठ को 2 फिसदी ब्याज अनुदान योजना का लाभ नहीं दिए जाने की समस्या।  एनबीएफसी श्रीराम फाइनेंस से संबंधित इकाई मेसर्स इंडियन केबल इंडस्ट्रीज से प्री-क्लोजर चार्ज के रूप में धनराशि 1 करोड़ 72 लाख रुपए वसूल किए जाने की समस्या।

पॉजिटिव पे प्रणाली की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख किया जाए, जिससे लघु उद्योगों को होने वाली समस्या का निस्तारण हो सकें। चेयरमैन राकेश अनेजा ने कहा बैंक की तमाम ऐसी समस्याएं है। जिनका बैंक के अधिकारी निस्तारण नहीं कर रहे है। जिस कारण उद्यमियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उक्त बिंदुओं पर भारतीय रिजर्व बैंक की महाप्रबंधक ने उद्यमियों की समस्याओं को सुनकर जल्द ही कार्यवाही का आश्वासन दिया। बैठक का संचालन हिमांशु शेखर तिवारी, जिला अग्रणी प्रबंधक, अग्रणी बैंक कार्यालय गाजियाबाद द्वारा किया गया।

-साइबर फ्रॉड से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं।
-आरबीआई ओम्बड्समैन के अंतर्गत एमएसएमई विंग बनाई जाए।
-जिला स्तर पर बैंकों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला अग्रणी प्रबंधक को ओर एम्पोवेर किया जाए।
-एमएसएमई की समस्यायों के समाधान के लिए जिला एवं प्रदेश स्तर पर मासिक बैठक आयोजन किया जाए।
– एमएसएमई फॉर क्लोजर चार्ज/प्री-क्लोजर चार्ज पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
-जिस प्रकार एमएसएमई इकाइयों की सिबिल रेटिंग होती है, उसी प्रकार बैंकों की भी रेटिंग होनी चाहिए।