नए कृषि कानूनों को पंजाब सरकार ने अस्वीकारा

विधान सभा में तीन नए विधेयक लाए गए

चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों को पंजाब सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। पंजाब विधान सभा में मंगलवार को प्रस्ताव लाकर इन कानूनों को खारिज कर दिया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नए कानून किसानों के हित में नहीं हैं। भूमिहीन श्रमिकों को भी इनका कोई लाभ नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार ने पिछले मानसून सत्र में 3 नए कृषि कानूनों को हरी झंडी दी थी। विपक्षी दल इन कानूनों का शुरू से विरोध करते आ रहे हैं। पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ रेल रोका आंदोलन तक छेड़ा गया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब जाकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। अब पंजाब सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को विधान सभा में लाकर खारिज कर दिया है। विधान सभा में किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव रखे गए। इसके पहले गत 14 अक्तूबर को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया था। मुख्यमंत्री सिंह ने कहा था कि विधायी, कानूनी और अन्य रास्तों के जरिए संघीय नियमों के विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा। केंद्रीय कानूनों के नुकसानदायक प्रभाव को कम करने को राज्य के कानूनों में आवश्यक संशोधन लाने को विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप मढ़ा था कि केंद्र का बिल किसानों के साथ-साथ राज्य की कृषि और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए बनाया गया है। बता दें कि कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, आम आदमी पार्टी सहित विभिन्न दल नए कृषि कानूनों से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि यह कानून किसानों के हित में हैं। किसानों की आय को दोगुना करने में इन कानूनों से मदद मिलेगी।