राया हेरिटेज सिटी बनेगा उत्तर प्रदेश की पहचान धार्मिक और आध्यात्मिक सेंटर होंगी विश्वस्तरीय खर्च होंगे साढ़े 5 हजार करोड़

यमुना एक्सप्रेस-वे को वृंदावन से जोड़ने के लिए बनेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, दोनों तरफ 500 मीटर में बनेगा हेरिटेज कॉरिडोर

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। राया हेरिटेज सिटी अत्याधुनिक और हाईटेक सुविधाएं वालों धार्मिक शहर बनेगा। राया सिटी उत्तर प्रदेश को विश्व स्तर पर धर्मनगरी के रूप में स्थापित करने के साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक सेंटर के रूप में स्थापित होगा। भगवान श्री कृष्ण की जनमस्थली मथुरा-वृंदावन के पास बनने वाली राया हेरिटेज सिटी की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। डीपीआर में हेरिटेज सिटी को लेकर छोटी-छोटी बातों को लेकर पूरी प्लानिंग की गई है। यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 9350 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनने वाले राया हेरिटेज सिटी परियोजना पर 5 हजार 470 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हेरिटेज सिटी में एक दर्जन कथा वाचनालय बनेंगे और श्रद्धालुओं को इन वाचनालयों में 24 घंटे श्रीकृष्ण कथा और श्रीमद् भागवत कथा सुनने को मिलेगा। यमुना एक्सप्रेस-वे को बांके बिहारी मंदिर से जोड़ने के लिए एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे लगभग 7 किलोमीटर लंबा होगा और एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 500 मीटर में हेरिटेज कॉरिडोर विकसित की जाएगी। यह कॉरिडो थ्री सी (कल्चर, कनेक्टिविटी और कम्युनिटी) पर आधारित होगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने पर लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

भारत में अहमदाबाद और जयपुर हेरिटेज सिटी में शामिल है। राया हेरिटेज सिटी को बेहतर बनाने के लिए अहमदाबाद और जयपुर के साथ मलेशिया के मेलाका और जार्ज टाउन हेरिटेज सिटी की भी मैपिंग कराई गई है। राया हेरिटेज सिटी को वर्ल्ड क्लास हेरिटेज सिटी के रूप में बसाया जाएगा। राया हेरीटेज सिटी में कृष्ण भगवान के जीवन से जुड़े सभी गांवों को जोड़ा जाएगा। मथुरा-वृंदावन के बीच आने-जाने को लेकर ट्रांसफोर्ट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा और कई मार्गों से यह देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य शहरों से जुड़ा होगा। वृंदावन में टूरिस्ट जोन बनाया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के फेज-2 के मास्टर प्लान के तहत हेरिटेज सिटी विकसित की जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने इसकी डीपीआर बनाने का जिम्मा सीबीआरई कंपनी को दिया था। कंपनी ने डीपीआर तैयार करके यमुना प्राधिकरण को सौंप दिया है। अब यह डीपीआर यमुना प्राधिकरण के बोर्ड में रखा जाएगा। यहां से पास होने के बाद शासन को भेजा जाएगा।

डीपीआर में हेरिटेज सिटी को मथुरा-वृंदावन से जोड़ने की बात कही गई है। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे के 77वें किमी से वृंदावन को जोड़ने के लिए नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसकी लंबाई करीब 7 किलोमीटर होगी। यमुना नदी पर पहले ही सेतु निगम पुल बना रहा है। उसी पुल से एक्सप्रेस से जुड़ जाएगा। इससे बांके बिहारी मंदिर की पहुंच आसान हो जाएगी। इस पुल के निर्माण पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। डीपीआर बताती है कि नये एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 500-500 मीटर में हेरिटेज कॉरिडार (सिटी) बनाया जाएगा। इस हेरिटेज कॉरीडोर में यूनेस्को की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। यह कॉरिडो थ्री सी (कल्चर, कनेक्टिविटी और कम्युनिटी) पर आधारित होगा। यहां मथुरा-वृंदावन की झलक दिखेगी। म्यूजियम बनेगा। रीवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। यहां बायो डायवर्सिटी, अरबन फारेस्ट, कूड़ा फ्री, पानी के क्षेत्र विकसित करने के साथ ही बुजुर्गों और बच्चों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

एक्सप्रेसवे और हेरिटेज कॉरिडोर के लिए करीब एक हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें 800 एकड़ में हेरिटेज कॉरिडोर होगा। श्रीकृष्ण-राधा से जुड़े गांव गोकुल, बरसाना, नंदग्राम आदि को यहां पर दिखाने का प्रयास रहेगा। यहां पर म्यूजियम बनेगा। यह अपने आप में अलग होगा। गीता के साथ ही महात्मा बुद्ध को स्थान दिया जाएगा। यहां पर 12 कथा वाचनालय बनेंगे। जहां पर 24 घंटे भागवत कथा सुन सकेंगे। इसके अलावा मथुरा-वृंदावन में भीड़ लगातार बढ़ रही है ऐसे में 1393 हेक्टेयर में ट्रांसपोर्ट नगर और पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी।

राया सिटी में इन गतिविधियों के लिए आरक्षित रहेगा जमीन

श्रेणी                                     एरिया (हेक्टेयर में)
हेरिटेज सिटी                              1527
औद्योगिक                                1853
पर्यटन                                      725
व्यावासायिक                               438
रीवर फ्रंट डेवलपमेंट                        407
हास्पिटैलिटी                                273