यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 125 एकड़ में विकिसत होगा सेमीकंडक्टर पार्क

देश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई गुजरात में चल रही है। अब उत्तर प्रदेश में भी सेमीकंडक्टर का उत्पादन होगा। इसके लिए हीरानंदानी ग्रुप आगे आया है। ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने यमुना प्राधिकरण से अपनी योजना साझा की है। ग्रुप ने प्राधिकरण ने 125 एकड़ जमीन मांगी है। ग्रुप का कहना है कि पहले चरण में वह 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। दो साल में उत्पादन शुरू करने की योजना है। प्राधिकरण सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क के आसपास जमीन देने की तैयारी की है।

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 125 एकड़ में सेमी कंडक्टर पार्क विकसित होगा। यह प्रदेश में सेमी कंडक्टर की पहली इकाई होगी। इसके आने से रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं राजस्व की संभावनाएं बढ़ेंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सेमी कंडक्टर नीति को मंजूरी दे दी है। सोमवार को यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने सेमी कंडक्टर नीति को मंजूर कर लिया। अब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेमी कंडक्टर पार्क विकसित होगा। यमुना प्राधिकरण से टार्क सेमी कंडक्टर प्रालि ने 91 एकड़ जमीन मांगी थी। प्राधिकरण इस पर सहमत हो गया था। नई नीति के बाद कंपनी ने अधिक जमीन की मांग की। इसके लिए केंद्र सरकार में आवेदन किया था। केंद्र से राज्य सरकार होते हुए प्राधिकरण के पास आवेदन आया। प्राधिकरण ने 125 एकड़ जमीन देने पर राजी हो गया। सरकार के अनुमोदन के बाद जमीन आवंटि की जाएगी।

सेमीकंडक्टर के मामले देश अभी दूसरे देशों पर निर्भर है। इस निर्भरता को खत्म करने के लिए कवायद शुरू हुई है। सरकार इसको लेकर पहल शुरू की है। देश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई गुजरात में चल रही है। अब उत्तर प्रदेश में भी सेमीकंडक्टर का उत्पादन होगा। इसके लिए हीरानंदानी ग्रुप आगे आया है। ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने यमुना प्राधिकरण से अपनी योजना साझा की है। ग्रुप ने प्राधिकरण ने 125 एकड़ जमीन मांगी है। ग्रुप का कहना है कि पहले चरण में वह 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। दो साल में उत्पादन शुरू करने की योजना है। प्राधिकरण सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क के आसपास जमीन देने की तैयारी की है।

अपनी जरूरतें भी बताईं

कंपनी ने अपनी जरूरतों के बारे में भी प्राधिकरण को अवगत कराया है। इस इकाई के लिए उन्हें पानी की जरूरत पड़ेगी। पहले चरण में प्रति घंटे 200000 लीटर पानी और तीसरे चरण में 750000 लीटर पानी की जरूरत होगी। इसके अलावा 50 मेगावाट की बिजली की जरूरत पड़ेगी। यमुना प्राधिकरण का कहना है कि ये सुविधाएं वह उपलब्ध करा देगा।

वाहनों को नियंत्रित करने में होती है अहम भूमिका

कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव आदि में सेमीकंडक्टर की अहम भूमिका होती है। इसकी के जरिये इन उत्पादों को नियंत्रित किया जाता है। साथ ही मेमोरी फंक्शन भी आपरेट होता है। बिना इनके इन उत्पादों की कल्पना बेकार है। अब सेमीकंडक्टर की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

क्या होता है सेमीकंडक्टर

सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं। इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव ओवन आदि में होता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं। कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों की मांग बढ़ने पर सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ जाती है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते सेमीकंडक्टर मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रहा है। देश में कारों की वेटिंग बढ़ने का एक कारण यह भी बताया जाता है।