नववर्ष के जश्न में शराब माफिया का चक्रव्यूह तोड़ेगी आबकारी विभाग की स्पेशल टीम

-छोटे-बड़े तस्करों को जड़ से समाप्त करने के लिए छापेमारी व दबिश की कार्रवाई हुई तेज
-आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में 24 घंटे मोबाइल नंबर व व्हाट्सएप नंबर 7065011003 नंबर एक्टिव

गाजियाबाद। नववर्ष की पार्टी में सिर्फ एक दिन शेष है और जश्न में शराब की खपत के लिए तस्कर सक्रिय हो गए हैं। आबकारी विभाग भी तस्करी पर काबू पाने के लिए पूरी शिद्दत से जुटा हुआ है। नववर्ष पर जिले में भारी मात्रा में हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों की शराब की खपत होने की संभावना रहती है। आबकारी विभाग ने शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए अपनी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। हर साल त्योहारों के रंग में भंग डालने के लिए शराब माफिया काफी सक्रिय हो जाते हैं। जनपद में शराब माफिया के खिलाफ जिला आबकारी विभाग की स्पेशल 34 की टीम ने पूरी ताकत से मोर्चा संभाल रखा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय तस्करों में इस टीम का खौफ निरंतर बढ़ रहा है। इस टीम को स्पेशल-34 इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि विभाग में वर्तमान में 7 इंस्पेक्टर और 27 सिपाही कार्यरत हैं। जिनके दम पर आबकारी विभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में है। दिल्ली से सटा गाजियाबाद जनपद शराब माफिया को काफी मुफीद नजर आता है। इसके चलते वह चोरी-चुपके अपना अवैध कारोबार करते रहे हैं, मगर जिला आबकारी विभाग ने शराब माफिया के गठजोड़ को तोड़ने की दिशा में हर संभव कदम उठाए हैं।

विभाग की बदली रणनीति ने शराब माफिया में हड़कंप मचा रखा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग की प्रभावी कार्रवाई का असर भी दिखाई दे रहा है। नववर्ष पर शराब की अत्यधिक खपत के कारण शराब तस्कर सक्रिय हो गए हैं। तस्करों ने नववर्ष पर होने वाली खपत की पूर्ति करने के लिए काफी पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। मगर आबकारी विभाग की सक्रियता को देखते हुए शराब माफिया गाजियाबाद में अब कदम रखने से भी डरते नजर आ रहे है। जिसके लिए शराब माफिया अब गाजियाबाद की जगह अन्य जिलों में शराब तस्करी करना ज्यादा मुनासिब समझ रहे है। आबकारी विभाग की स्पेशल 34 की टीम में अखिलेश बिहारी वर्मा आबकारी निरीक्षक सेक्टर-1, राकेश त्रिपाठी आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2, हिम्मत सिंह आबकारी निरीक्षक सेक्टर-2, अनुज वर्मा आबकारी निरीक्षक सेक्टर 3, आबकारी निरीक्षक सेक्टर-4 मनोज शर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य आबकारी निरीक्षक सेक्टर- 5, अभय दीप सिंह आबकारी निरीक्षक सेक्टर-6 के साथ 27 सिपाही की टीम पर गाजियाबाद में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन को रोकने की जिम्मेदारी है। यह स्पेशल-34 टीम मौजूदा समय में शराब माफिया के लिए खौफ का पर्याय बन गई है। जिलेभर में अवैध शराब के निर्माण एवं तस्करी के रूप में संवेदनशील क्षेत्रों में यह टीम निरंतर छापामार कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा मुख्य मार्गों पर संदिग्ध वाहनों एवं व्यक्तियों की संघन जांच की जा रही है। स्पेशल-34 की टीम दिन हो या रात बस एक मिशन पर को टारगेट कर शराब माफिया का सफाया करने में जुट गई है। इन सब की कमान जिला आबकारी अधिकारी ने संभाल रखी है। जिसके लिए  आबकारी अधिकारी प्रतिदिन आबकारी निरीक्षकों के साथ बैठक कर कार्रवाई का फीडबैक लेते रहते है।

सूत्रों का कहना है कि स्पेशल-34 टीम के बीच बेहतर सामंजस्य होने के कारण ही नतीजे भी उम्मीदों के अनुरूप आ रहे हैं। टीम के सभी सदस्य एक-दूसरे का सहयोग करने के साथ-साथ जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। जिससे शराब तस्करों के बारे में सटीक सूचना मिलने पर तुरंत धावा बोल दिया जाता है। लोनी, ट्रोनिका सिटी, खोड़ा, कौशाम्बी, इंदिरापुरम, लिंक रोड, साहिबाबाद, टीला मोड़, शालीमार गार्डन, नंदग्राम, मधुबन-बापूधाम, कवि नगर, विजय नगर, मुरादनगर, मोदीनगर आदि सभी थाना क्षेत्रों में आबकारी विभाग की टीम ने अपनी सक्रियता को इस कदर बढ़ाया है कि शराब तस्करों का धंधा चौपट होने के कगार पर पहुंच चुका है। पूर्व में आबकारी विभाग पर गंभीर आरोप भी लगते रहते थे, मगर इस वक्त नागरिकों का सहयोग भी विभाग को भरपूर मिलता नजर आ रहा है। जिसके लिए आबकारी अधिकारी ने अपने कार्यालय में कंट्रोल रूम  भी बनाया हुआ है। जिसके लिए मोबाइल नंबर व व्हाट्सएप नंबर 7065011003 जारी किया गया है। जिसमें कोई भी व्यक्ति जिले में अवैध शराब से संबंधित किसी भी प्रकार की गतिविधियों की जानकारी कंट्रोल पर दे सकता है।

दिल्ली-यूपी बोर्डर के साथ चेक पोस्ट पर बढ़ा पहरा
हरियाणा व दिल्ली से गाजियाबाद में होने वाली शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीम मुखबिर तंत्र के साथ अपना भी पहरा बढ़ा दिया है। दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले मार्ग सीमापुरी बोर्डर, भौपुरा, जवाहर नगर, अंकुर विहार, न्यू लक्ष्मी गार्डन, यूपी गेट और आनंद विहार के साथ-साथ डासना व दुहाई चेक पोस्ट पर आबकारी विभाग की टीम के साथ प्रवर्तन मेरठ की टीमें भी शराब माफिया को जिले से खदेड़ने में जुट गई है। जो तीन शिफ्टों में दिन-रात वाहनों की चेकिंग कर रही है। बिना चेक किए किसी भी वाहन को जिले में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेन व बस में सफर के दौरान तस्करी करने वालों की निगरानी के लिए जीआरपी टीम के साथ बस चालक व परिचालक का भी सहयोग लिया जा रहा है।

ट्रांसपोर्ट नगर व कबाड़ के गोदामों पर हुई छापेमारी
अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम द्वारा शनिवार को ट्रांसपोर्ट नगर, कबाड़ के गोदामों पर छापेमारी की गई। टीम द्वारा थाना-विजयनगर एंव साहिबाबाद स्थित झुग्गी-झोपडिय़ों, बन्द फैक्ट्रियों, कबाडख़ानों एंव ट्रांसपोर्ट नगर में स्थित मालगोदाम की गहन चेकिंग की गई। कबाडख़ानों में शराब के खाली बोतलों को क्रश करने के निर्देश दिए। जिससे इनके दुरूपयोग की संभावना न रहे। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मालगोदाम की सघन तलाशी ली गई। ट्रांसपोर्टरों को सख्त निर्देश दिए कि अन्य प्रांतों को भेजे जाने वाले माल के साथ किसी भी प्रकार की मदिरा पाये जाने की स्थिति में आबकारी विभाग को सूचित करे। आबकारी विभाग द्वारा झुग्गी-झोपडिय़ों में निवास करने वाले लोगों को अवैध शराब के विरुद्ध जागरूक किया गया। शराब से संबंधित जानकारी मिलने पर कोई भी व्यक्ति व्हाट्सएप नंबर 9454466019 के साथ पांच अंकों का एक टोल फ्री नंबर 14405 और कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर व व्हाट्सएप नंबर 7065011003 पर सूचना दे सकता है।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि शराब माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। शराब तस्करों को मनमानी करने की कतई छूट नहीं मिलेगी। आबकारी निरीक्षकों को मुख्य मार्गों पर चेकिंग का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। शराब तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों और मार्गों पर पैनी नजर रखी जाएगी ताकि तस्करों पर शिकंजा कसा जा सकें। सभी आबकारी निरीक्षक टीम वर्क के साथ फील्ड में उतरकर कार्रवाई कर रही हैं। हाईवे, चेक पोस्ट, दिल्ली बोर्डर, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन पर भी चेकिंग की जा रही है। ग्राम प्रधान, चौकीदारों व ग्रामीण से भी अवैध शराब की सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए है। जिससे देहात क्षेत्र में होने वाली शराब तस्करी को भी समाप्त किया जा सकें। अवैध शराब एवं ओवर रेटिंग पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए, जिससे अवैध मदिरा के उत्पादन स्रोतों को शत प्रतिशत नष्ट किया सकेंं।