घर में हुई मौत तो डीजे बजा कर नाचने लगे रिश्तेदार और घर के लोग

115 वर्षीय बुजुर्ग का धूमधाम से अंतिम संस्कार

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में वृद्ध दुर्ग सिंह की अंतिम यात्रा धूमधाम से निकाली गई। शव यात्रा में डीजे बजाया गया। डीजे की धुन पर परिवार के सदस्य, नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी थिरकते रहे। बाद में मोक्ष स्थली पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस अनोखी शव यात्रा को देखकर हर कोई हैरान रह गया। सच्चाई मालूम पडऩे पर नागरिकों की बेचैनी दूर हुई। भरतपुर के नदबई कस्बे में बुजुर्ग दुर्ग सिंह की मौत हो गई थी। दुर्ग सिंह की उम्र 115 वर्ष थी। पीडि़त परिवार का कहना है कि 115 वर्ष की उम्र पार कर दुर्ग सिंह को स्वर्ग मिला है। इसलिए उनकी मौत पर मातम नहीं मनाया गया। बुजुर्ग दुर्ग सिंह की मौत के बाद परिवार के सदस्य दुखी तो थे, मगर उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी आयु पूरी करके स्वर्ग सिधारे हैं, इसलिय यह मातम मनाने का समय नहीं है। परिवार के सदस्यों ने शव यात्रा को धूमधाम से निकालने और किसी से दुखी न होने का निर्णय लिया। हंसी-खुशी से दुर्ग सिंह को अंतिम विदाई देने का विचार किया गया। जब सड़क पर दुर्ग सिंह की शव यात्रा निकली तो परिवार और नाते-रिश्तेदारों के अलावा आस-पड़ोस के नागरिक भी शामिल होने पहुंचे। शव यात्रा में डीजे का प्रबंध किया गया था। डीजे पर बजते गीतों की धुनों पर परिवार के सभी सदस्य और पड़ोसी नाचते-गाते दिखाई दिए। दुर्ग सिंह के शव आसन को काफी अच्छे ढंग से सजाया गया था। घर से श्मशान घाट तक दुर्ग सिंह की शव यात्रा धूमधाम के साथ निकली। हालांकि शव यात्रा में डीजे की धूम और नागरिकों को थिरकते देख राहगीर असमंजस में पड़ गए। माजरा समझ में आने पर राहगीरों की बेचैनी कम हुई। श्मशान घाट पर जाकर दुर्ग सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। भरतपुर में यह शव यात्रा चर्चाओं में रही।