रेलवे के साथ कारोबार करने का अच्छा मौका

एमएसएमई को सहभागी बनाने का प्लान

नई दिल्ली। अब आप रेलवे के साथ मिलकर कारोबार कर सकते हैं। कम लागत में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाने का यह सुनहर अवसर है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारतीय रेलवे ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को अपना सहभागी बनने का अवसर दिया है। इस मौके का लाभ उठाकर कोई भी अपनी बेरोजगारी और आर्थिक तंगी को दूर कर सकता है। जानकारी के मुताबिक भारतीय रेल प्रतिवर्ष 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादों की खरीदारी करता है। इन उत्पाद में टेक्निकल और इंजीनियरिंग उत्पादों के साथ-साथ दैनिक उपयोग के सभी प्रकार के सामान होते हैं। ऐसे में आप छोटे कारोबारी के तौर पर रेलवे को अपना उत्पाद बिक्री कर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं। यदि आप रेलवे के साथ कारोबार करने के इच्छुक हैं तो विभाग की संबंधित बेवसाइट पर जाकर पंजीकरण करा लें। रेलवे कोई भी उत्पाद उस कंपनी से खरीदता है जो मार्केट में सबसे सस्ता सामान आपूर्ति कर रहा हो। ऐसे में आपको कोई ऐसा उत्पाद तलाशना होगा, जो किसी कंपनी या मार्केट से आसानी से और सस्ती दरों पर मिल जाए। इसके बाद एक डिजिटल सिग्नेचर बनवाएं। इसकी सहायता से रेलवे की वेबसाइट पर जाकर नए टेंडर देख सकेंगे। अपनी लागत और मुनाफे के आधार पर टेंडर डालें। यदि आपके रेट कॉम्पिटेटिव रहेंगे तो टेंडर मिलने में आसानी होगी। सर्विस की आपूर्ति के लिए रेलवे कुछ तकनीक योग्यता मांगता है। रेलवे ने घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा देने हेतु स्पष्ट, पारदर्शी, निष्पक्ष खरीद प्रणाली को प्रोत्साहन दिया है। मेक इन इंडिया नीति के अंतर्गत रेलवे ने वैगन, ट्रैक और एलएचबी डिब्बों के टेंडर में 50 फीसदी से ज्यादा स्थानीय उत्पाद के आपूर्तिकर्ता ही हिस्सा ले सकेंगे। उधर, वंदे भारत ट्रेन सेट हेतु 75 प्रतिशत इलेक्ट्रिक सामान मेक इन इंडिया के तहत खरीदा जाएगा। भारतीय रेलवे ने एमएसएमई को बढ़ावा देने का फैसला किया है। विभाग के किसी टेंडर की लागत की 25 प्रतिशत तक की खरीद में एमएसएमई को 15 फीसदी तक की प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा छोटे उद्योगों को धरोहर जमा राशि और सुरक्षा जमानत राशि जमा करने की शर्तों में भी छूट दी गई है।