क्षय रोग विभाग की रिपोर्ट के लिफाफे भी करेंगे टीबी के प्रति जन जागरण

-सीएमओ और डीटीओ के हर पत्र के साथ पढऩे को मिलेंगे टीबी के लक्षण

गाजियाबाद। क्षय रोग विभाग जागरूकता को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोडऩा चाहता। दरअसल, टीबी को हराने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा साधन है। अधिक से अधिक लोग टीबी के बारे में जानेंगे तो रोगियों की पहचान को गति मिलेगी और समय रहते उनका उपचार शुरू हो सकेगा। टीबी के संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए यह बहुत जरूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया हमारा प्रयास है कम संसाधनों के सहारे अधिक से अधिक लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जाए। जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही जन-जागरण के अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं। लिफाफों पर टीबी के लक्षण और अन्य जानकारी के साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी छपवाया गया है। इन लिफाफों का प्रयोग सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) कार्यालय से पत्र भेजने के लिए किया जाएगा।

डीटीओ डा. डीएम सक्सेना ने बताया जांच रिपोर्ट के लिए भी जो लिफाफे तैयार कराए गए हैं उन पर टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी अंकित कराई गई है। रोगी इस रिपोर्ट को लेकर जाएगा तो जो भी उसे देखेगा टीबी के प्रति जागरूक हो सकेगा। रिपोर्ट काफी दिनों तक घर रखी रहती है तो उसे जब भी कोई देखेगा उसके जहन में टीबी को लेकर एक बार अलार्म जरूर बजेगा। इससे टीबी के खिलाफ लड़ाई को जनांदोलन बनाने में मदद मिलेगी और क्षय रोग विभाग का स्लोगन टीबी हारेगा, देश जीतेगा सही मायने में चरितार्थ हो सकेगा।

उन्होंने बताया वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय यादव इस प्रकार के नए-नए आइडिया खोजते रहते हैं, जो जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। इसी क्रम में उन्होंने सिकरोडा रोड, डासना स्थित शांति स्वयं सहायता समूह से संपर्क कर क्षय रोगियों को दिए जाने वाले पुष्टाहार थैले तैयार कराए हैं। इन थैलों पर क्षय रोग के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ ही पुष्टाहार दानदाताओं का नाम और संस्था का उल्लेख करने की व्यवस्था की गई है। शांति स्वयं सहायता समूह के रूप में काम रही महिलाएं बड़ी रियायती दरों पर इन थैलों में पुष्टाहार भी उपलब्ध कराती हैं। पुष्टाहार में एक किलो भुना हुआ चना, एक किलो गुड़, आधा किलो सोयाबीन की बड़ी और आधा किलो मूंगफली गिरी रखी जाती है।