ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाड़ी बाबू और अधिकारीयों की खुल रही हैं पोल

– किसानों से जुड़े मामलों के निस्तारण में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ जल्द हो सकती है कार्रवाई
– प्राधिकरण के सीईओ तक पहुंची छह प्रतिशत किसान आबादी विभाग में अनियमिताओं की ढ़ेरों शिकायत
उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। पहले बात और फिर जरूरत पड़े तो लात। बॉलीवुड स्टार राजकुमार का यह फेमस डॉयलाग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में चरितार्थ होने जा रहा है। बार बार सुधर जाने की नसीहत मिलने के बाद भी कंबल ओढ़ कर बैठे खिलाड़ी बाबू और अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई रूपी लात पर सकती है। प्राधिकरण सूत्रों की मानें तो ऐसे खिलाड़ी बाबू और अधिकारियों की पहचान कर ली गई जो किसानों की समस्याओं को उलझाने में और समस्याओं के निस्तारण में देरी के लिए जिम्मेदार हैं। शुरूआत प्राधिकरण के छह प्रतिशत किसान आबादी विभाग से होगी और फिर हर विभाग की कमजोर कड़ी को दुरूस्त किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी तक ऐसी ढ़ेरों शिकायतें पहुंची है जिसमें प्राधिकरण के बाबू और अधिकारी खेल कर रहे हैं। कई मामलों की जांच चल रही है और जांच के बाद इसमें कार्रवाई की जाएगी। सूत्र बतातें है फिलहाल ऐसे शरारती अधिकारियों और बाबूओं का तबादला होगा और उन्हें सुधरने का एक और मौका मिलेगा, इन पर नजर रखी जाएगी और नहीं सुधरे तो बड़ी कार्रवाई भी होगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जिन किसानों की जमीन लेता है, उन्हें कुल जमीन का छह प्रतिशत विकसित भूखंड देता है। इस भूखंड देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने छह प्रतिशत किसान आबादी विभाग बनाया हुआ है। इस विभाग में ओएसडी से लेकर वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक समेत तमाम अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं। इस विभाग की शिकायत अक्सर किसान करते रहते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के पास भी इस विभाग की दर्जनों शिकायतें पहुंच गई हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ का चार्ज संभालने के बाद रवि कुमार एनजी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसानों से संबंधित मामलों के निस्तारण में किसी तरह की भी अनियमितता नहीं की जाये और प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द शिकायतों का निस्तारण हो। सीईओ ने साफ-साफ कहा था कि किसान और किसानों की समस्याएं उनकी पहली प्राथमिकता है। लेकिन सीईओ की सख्त निर्देशों का भी खिलाड़ी बाबू और अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा।
छह प्रतिशत किसान आबादी विभाग से संबंधित ढ़ेरों शिकायतें आई है। इन शिकायतों का उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। वह अपने स्तर पर भी जांच कर रहे हैं। अब किसान आबादी विभाग की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। इस विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का तबादला दूसरे विभाग में किया जा सकता है। इस विभाग में सभी नए अधिकारी एवं कर्मचारियों की तैनाती होगी ताकि व्यवस्थाओं को सुधारा जा सके। अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज पर पैनी नजर रहेगी।