समाज को बांटने और हिंदू विरोधी वाला है स्वामी मौर्य का बयान: तरुण मिश्र

दरभंगा। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। रामचरितमानस प्रकरण के बाद सपा के बयान से फिर एक बार बवाल मच गया है। हिंदू धर्म को धोखा बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की चारों तरफ निंदा होने लगी। बुधवार को दरभंगा पहुंचे भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए विवादित बयान रोष प्रकट करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बौखला गए हैं। उनको बोलने का ज्ञान नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्य ऊटपटांग बोलते हैं। उन्हें हिंदू धर्म की कोई जानकारी नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्य एक बिन पेंदी के लौटे के सामान है। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कार्रवाई करनी चाहिए। उनके इस बयान से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। सपा नेता को लगता है कि विवादित बयान देने से वोट मिलेगा।

सपा नेता का बयान हिंदुओं को बांटने की साजिश है। अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग भारतीय परंपरा के ताने बाने को मिटाना चाहते हैं। किसी एक जाति पर टिप्पणी करना ओछी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू देवी देवताओं और हिंदूओं की आस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि समाजवादी पार्टी को हिंदुओं से बहुत ज्यादा नफरत है। बीते 2022 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणवाद की जड़े इतनी गहरी थी तो फिर परशुराम की मूर्ति क्यों लगाने चले गए थे।

अखिलेश यादव को बताना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार बद्रीनाथ, केदारनाथ और काशी विश्वनाथ पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, तो कभी रामचरितमानस पर सवाल खड़ा करते हैं। हिंदु धर्म सनातन धर्म है, इसमें सभी वर्ग और जातियों का पूर्ण सम्मान है, इसको बांटने का कार्य करना घृणास्पद है। सपा नेता ने विवादित बयान देकर ब्राह्मण समाज के साथ पूरे हिंदू धर्म का अपमान किया है, ऐसा व्यक्ति समाजद्रोही है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को पुनर्जीवित करने के लिए धर्म का उपयोग करने के लिए मौर्य की आलोचना की।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म में सारी विषमताओं की वजह ब्राह्मणवाद को बताया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के मुताबिक सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकडज़ाल में फंसाने की एक साजिश है।